इस वर्ष प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच का गठन होगा
समग्र शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत बालिका शिक्षा सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में राज्य स्तर संदर्भ समूह के सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रयागराज में आयोजित जीवन कौशल शिक्षा एवं पावर एंजिल कार्यशाला में जनपद के चार शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के सचिव अवनीश भटनागर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेदों में इस बात का वर्णन है कि देवनागरी लिपि में लिखी हुई हिदी संघ की राजभाषा होगी, सरकार के काम-काज की भाषा होगी। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि देश की सभी भाषाओं का संरक्षण होना चाहिए। वह रविवार को विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान की ओर से हिदी के प्रगामी प्रयोग और प्रचार-प्रसार के लिए प्रयास विषय पर आयोजित राष्ट्रीय विचार गोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में, जहां की भाषा हिदी हो, वहां पर हिदी दिवस, हिदी सप्ताह या हिदी पखवाड़ा मनाने का क्या औचित्य है? आज देश में चलने वाली ऐसी करीब 250 बोलियों का वर्णन आता है, जिनके जानने वाले, बोलने वाले अब दहाई से आगे नहीं बचे हैं। हमारे अंदर एक हीनभाव है। हमें लगता है कि हमारी हिदी उतनी सशक्त माध्यम नहीं है जिसके माध्यम से हम अपनी बात को कह सकें।
डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा ने कहा कि हिदी हमारे सम्मान की भाषा है। हिदी का शुद्ध रूप होना अत्यंत आवश्यक है। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ. लालचंद गुप्त मंगल ने कहा कि हिदी के प्रति उदासीनता का पूरा मामला नीति और नियत का है। हमारी नीति है कि देवनागरी में लिखित खड़ी बोली इस देश की राजभाषा होगी। वायदा किया था 15 साल का लेकिन 13 साल में ही सरकारें वायदा भूल गईं। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक एवं गोष्ठी के संयोजक डॉ. रामेंद्र सिंह, सह सचिव वासुदेव प्रजापति, संस्कृति बोध परियोजना के राष्ट्रीय संयोजक दुर्ग सिंह राजपुरोहित, कोषाध्यक्ष डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. हुकम सिंह, डॉ. आर. ऋषि, डॉ. प्रतिभा श्योकंद, डॉ. शशि मित्तल, केसी रंगा मौजूद रहे।