कचहरी-विकास भवन में नहीं होगा प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, इटावा : बीते सोमवार को एक साथ कचहरी और विकास भवन में प्रदर्शन होने से स
जागरण संवाददाता, इटावा : बीते सोमवार को एक साथ कचहरी और विकास भवन में प्रदर्शन होने से सरकारी कार्य ठप हो गए थे। डीएम आवास भी इससे प्रभावित हुआ। इसके मद्देनजर प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल चयनित करने का निर्णय ले लिया है। प्रदर्शन स्थल इतनी जगह में स्थापित किया जाएगा जिससे सभी एक साथ प्रदर्शन तथा आंदोलन कर सकें। सरकारी विभागों के परिसरों को प्रदर्शन स्थल से मुक्त कराया जाएगा ताकि सरकारी कार्य प्रभावित न हों।
जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन-आंदोलन स्थल चिह्नित करने का फरमान मंडलायुक्त स्तर से तीन साल पूर्व आया था। उस समय प्रदेश में सपा सरकार होने से यह फरमान ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने अप्रैल 2017 में कार्यभार संभाला तो कचहरी परिसर में लाउडस्पीकर लगाकर धरना-प्रदर्शन होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया था। तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट शमशाद हुसैन ने कचहरी परिसर को साइलेंस जोन घोषित करने में देर नहीं लगाई थी। तब से यहां पर बगैर लाउडस्पीकर का प्रयोग किए सभी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बीते सोमवार को एक साथ कई समाजसेवी संस्थाओं तथा सरकारी कर्मियों द्वारा कचहरी से लेकर विकास भवन तक जबरदस्त कोलाहल से सरकारी कार्यालयों में कार्य ठप होने से बीते तीन साल से ठंडे बस्ते में पड़ा यह फरमान फिर से बाहर आ गया। इससे प्रदर्शन-आंदोलन स्थल के लिए शहर में स्थान चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पुरानी परपंरा होगी समाप्त
कचहरी परिसर में वटवृक्ष की छाया तले अपनी मांगों के लिए ध्यानाकर्षण कराने के लिए धरना-प्रदर्शन की परंपरा ब्रिटिश हुकूमत के समय से चली आ रही है। देश को आजादी मिलने के पश्चात से अभी तक आम जनमानस ही नहीं अपितु प्रमुख राजनीतिक दल तथा सामाजिक संस्थाएं इसी स्थल पर धरना-प्रदर्शन के माध्यम से अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। बीते दिवस से प्रशासन ने जो रूख अपनाया है उससे प्रतीत हो रहा है कि जल्द यह परंपरा यहां से समाप्त होगी। हालांकि साइलेंस जोन घोषित किए जाने पर सपा-कांग्रेस ने विरोध किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
स्थान होगा परिवर्तित
कचहरी परिसर-विकास भवन परिसर में धरना-प्रदर्शन से सरकारी कार्य बाधित होता है। शासन स्तर पर इसे गंभीरता से लिया गया है। इसके तहत धरना, प्रदर्शन के लिए स्थान परिवर्तित किया जाएगा। एसडीएम सदर को स्थान चिह्नित करने का दायित्व सौंपा गया है।
- सत्येंद्र नाथ शुक्ल, सिटी मजिस्ट्रेट