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जूनियर डाक्टरों ने ठप की ओपीडी सेवाएं, मायूस लौटे मरीज

संवाद सहयोगी सैफई नीट काउंसिलिग में हो रहे विलंब को लेकर मेडिकल यूनिवर्सिटी सैफई

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:07 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:54 PM (IST)
जूनियर डाक्टरों ने ठप की ओपीडी सेवाएं, मायूस लौटे मरीज
जूनियर डाक्टरों ने ठप की ओपीडी सेवाएं, मायूस लौटे मरीज

संवाद सहयोगी, सैफई : नीट काउंसिलिग में हो रहे विलंब को लेकर मेडिकल यूनिवर्सिटी सैफई के रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन द्वारा ओपीडी सेवाएं बंद करके काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया। इससे आसपास के जिलों से आए हजारों मरीजों को बैरंग लौटने के लिए विवश होना पड़ा। एक सप्ताह से चल रहे जूनियर डाक्टरों के देशव्यापी आंदोलन के समर्थन में मेडिकल यूनिवर्सिटी के जूनियर डाक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल कर ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद रखी। डाक्टरों का आरोप है कि सरकार एवं न्यायालय नीट काउंसिलिग को लंबा खींच रही है। इसकी वजह से जूनियर डाक्टर पर काम का भार अत्यधिक है। इसको लेकर पूरे भारत में जूनियर डाक्टर हड़ताल पर हैं। कई जगह ओपीडी सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को यहां जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद रखी। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में सारी चिकित्सा सेवाओं का बहिष्कार किया जाएगा। अभी यूनिवर्सिटी में इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से संचालित हैं। यदि उच्चतम न्यायालय एवं सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर प्रतिदिन सुनवाई करके मामले का निस्तारण नहीं करती है, तो रेजिडेंट डाक्टरों द्वारा देशव्यापी आंदोलन खड़ा हो सकता है, जिससे मरीजों को होने वाली अव्यवस्था का संपूर्ण जिम्मेदार उच्चतम न्यायालय एवं भारत सरकार होगी। ओपीडी के सभी गेटों पर रहे ताले

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सैफई : डाक्टरों द्वारा मेडिकल यूनिवर्सिटी ओपीडी के सभी गेटों को ताला बंद कर दिया गया था। इससे पूरे दिन ओपीडी बंद रही, सिर्फ एक पीछे का गेट खुला था, जिससे छात्र व अधिकारी आवाजाई करते रहे। ओपीडी के अंदर पंजीकृत काउंटर व औषधि वितरण काउंटर के अलावा चारों तरफ मेडिकल स्टूडेंट तैनात रहे और उन्होंने कोई काम नहीं करने दिया। मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रतिदिन दो हजार से तीन हजार मरीज आने का औसत है। अधिकांश मरीज इटावा, मैनपुरी, औरैया, अलीगढ़, कानपुर देहात और फिरोजाबाद जिले के होते हैं। जो मरीज गंभीर हालत में आए उनको इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में उपचार दिया गया। करीब एक घंटे तक ओपीडी संचालित हो सकी, इसी बीच जूनियर डाक्टर पहुंच गए। सुबह आठ बजे से मरीजों ने ओपीडी के अंदर पंजीकरण कराकर प्रवेश कर लिया था, जिन्हें सीनियर डाक्टरों ने करीब एक घंटे तक ओपीडी संचालित करके देखा। बाद में जूनियर डाक्टरों का जत्था पहुंचा तो उन्होंने पूरी तरह से काम बंद करा दिया। मरीजों ने बयां किया दर्द

28 वर्षीय सोनी पत्नी नसीम निवासी कदमपुर थाना ऊसराहार ने बताया कि बीते दिनों उनके बाजू में चोट लग गई थी, जिसका प्लास्टर कटाने के लिए आज आई थी लेकिन ओपीडी बंद है। 55 वर्षीय सुनीता गुप्ता पत्नी श्रीराम निवासी मैनपुरी ने बताया कि बीते दिनों आंत का आरेशन हुआ था, जिसे दिखाने के लिए आई थी। ओपीडी बंद होने के बारे में पता होता तो खर्चा करके यहां आने से बच जाती। 35 वर्षीय सोनेलाल पुत्र बाबूराम निवासी चंद्रपुरा जिला मैनपुरी ने बताया कि उनके पेट में दर्द हो रहा था, जिसे दिखाने के लिए पहुंचे, पर डाक्टरों की हड़ताल की वजह से काफी निराशा हुई। 35 वर्षीय रामा देवी पत्नी हरिश्चंद्र निवासी नगला हुलासी जिला फिरोजाबाद ने बताया कि उनको कई दिनों से दर्द हो रहा था, जिसकी वजह से आज बताए हुए समय पर आई थीं, हड़ताल होने की वजह से बड़ी दिक्कत हो रही है। जिला एटा निवासी रामरतन ने बताया कि उनकी आठ वर्षीय पुत्री सुनैना का बीते दिनों आपरेशन हुआ था, जिसे दिखाने के लिए आए थे, जहां पर ओपीडी बंद देख निराशा हुई है।


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