सुविधाओं को तरस रहा जसवंतनगर रेलवे स्टेशन
संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : स्थानीय रेलवे स्टेशन पर असुविधाओं के चलते यात्रियों को परेशानी उठ
संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : स्थानीय रेलवे स्टेशन पर असुविधाओं के चलते यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। स्टेशन पर न तो यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त शेड हैं और न ही यात्रियों के लिए पीने का पानी। रेलवे स्टेशन पर शौचालय की सुविधा नही है। अव्यवस्थाओं की अनदेखी से रेलवे प्लेटफार्म पर यात्रियों के लिये मूलभूत सुविधा उपलब्ध नही है। पिछले कई दशकों से स्थानीय रेलवे प्लेटफार्म की दशा काफी खराब है।
नगर पालिका की उदासीनता के चलते रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के लिए रास्ता उचित नही है। स्टेशन पर जाने वाले मुख्य मार्ग पर गंदगी के ढेर व पशुओं की भरमार है। रेलवे परिसर प्रवेश करते ही आपको मवेशियों के द्वारा फैलायी गयी गंदगी दिख जाएगी, दूसरी ओर प्लेटफार्म पर पानी व शौचालय की कोई
व्यवस्था नहीं होने कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रात के समय अंधकार व गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। प्लेटफार्म पर किसी प्रकार का शौचालय नही है। जिससे यात्रियों को परेशानी के साथ रेलवे कर्मी तक परेशान हैं जबकि भारत सरकार की ओर से देशव्यापी स्वच्छता अभियान चलाने के बावजूद रेलवे स्टेशन पर शौचालय निर्माण नहीं हो सका। ऐसे में महिला एवं पुरुष यात्री खुले में शौच करने को विवश होते हैं। ट्रेनों की लेटलतीफी के चलते गाड़ियों का इंतजार करते वृद्ध/वरिष्ठ नागरिक, बीमार यात्रियों, महिलाओं एवं बच्चों समेत समस्त यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यात्रियों का कहना है कि प्लेटफार्मों पर पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। कहने को हैंडपंप लगे हैं लेकिन वे पानी कम बालू ज्यादा और घंटों चलाने पर बमुश्किल थोड़ा बहुत पानी ही देते हैं। इतने में गाड़ी छूटने का भय रहता है। क्षतिग्रस्त और असमतल हो रही फर्श प्लेटफार्म पर आगे की ओर फर्श बना हुआ है जो कि उबड़-खाबड़, क्षतिग्रस्त हो रहा है। इसी स्थान पर जनरल बोगियां खड़ी होती हैं, जहां से आवागमन अधिक होता है। ऐसे में जल्दबाजी में यात्री कई बार चोटिल हो जाते हैं। कई स्थानों के बीच गड्ढे हो रहे हैं लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ट्रेन पकड़ने के चक्कर में यात्री इनका ध्यान नहीं रखते हैं, जिससे वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। प्लेटफार्म पर लगे पंखे रहते हैं बंद : गाड़ियों का इंतजार करने के लिए यात्रियों को टिन शेड के नीचे गर्मी में ही बैठना पड़ता है। तीन व चार प्लेटफार्म के शेड में पंखे तो लगे हुए हैं, लेकिन यह बंद रहते हैं। ऐसे में यात्रियो को गर्मियों में घंटों ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है। जिससे यात्रियो को खासी परेशानियां होती हैं। प्लेटफार्म के सुंदरीकरण व उच्चीकरण के नाम पर लाखों की धनराशि खर्च की गई लेकिन यहां के हालात देखे जाएं तो कुछ लगी कुर्सियों में एक भी कुर्सी यात्रियों के उपयोग में नहीं आ रहीं हैं। रेलवे स्टेशन पर गंदगी से लोग परेशान : स्टेशन पर सफाई की ठोस व्यवस्था नहीं है। प्लेटफॉर्म, परिसर व रेलवे ट्रैक पर गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है। चाहे प्लेटफॉर्म हो या फिर रेलवे ट्रैक और तो और लोगों के बैठने तक की जगह के पास भी गंदगी ही नजर आती है। वैसे तो यह स्टेशन दो पूर्व मुख्यमंत्री, छह से ज्यादा सांसद व विधायकों का गृह क्षेत्र व चुनावी क्षेत्र होने पर वीआइपी इलाके का हिस्सा है। लेकिन यहां वीआइपी जैसी कोई सुविधा दिखाई नही पड़ती। स्टेशन पर कैंटीन की कोई सुविधा मौजूद नहीं है।