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इटावा सफारी में अधूरी रह जाएगी शेर देखने की आस

जागरण संवाददाता, इटावा : इटावा सफारी पार्क में सबसे आकर्षण का केंद्र गुजरात के शेर हैं

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 06 Feb 2018 03:00 AM (IST)
इटावा सफारी में अधूरी रह जाएगी शेर देखने की आस
इटावा सफारी में अधूरी रह जाएगी शेर देखने की आस

जागरण संवाददाता, इटावा : इटावा सफारी पार्क में सबसे आकर्षण का केंद्र गुजरात के शेर हैं परंतु केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की एक शर्त अगर लागू होती है तो पर्यटकों को शेरों के दीदार कभी भी नहीं हो पाएंगे। प्राधिकरण का कहना है कि पर्यटकों के लिए शेरों के बच्चे तभी छोड़े जाएंगे जब इनकी संख्या कम से कम 10 होगी। पिछले पांच साल में लायन सफारी के ब्री¨डग सेंटर में अभी तक कुल तीन शावक ही पैदा हो सके हैं। पांच शावकों की मौत हो चुकी है। ऐसे में 10 का आंकड़ा छूना सहज नहीं होगा। उसमें भी शावकों के जन्म में अंतर होने से यह आंकड़ा कभी भी पूरा नहीं हो सकेगा। बच्चों को सफारी में तभी छोड़ा जाएगा जब वे कम से कम दो वर्ष की आयु पूरी कर सकेंगे। सफारी में इस समय तीन में से दो शेरनी ही गर्भवती हो सकती हैं।

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इटावा सफारी पार्क में सबसे पहले वर्ष 2012 में बब्बर शेर प्रजनन केंद्र स्थापित किया गया था। इसके पीछे राज्य व केंद्र सरकार का उद्देश्य था कि एशियाटिक शेरों की विलुप्त होती प्रजाति का संरक्षण किया जाए। अभी तक यह शेर देश में केवल गुजरात के जूनागढ़ इलाके में ही पाए जाते हैं। पूरे देश में इनकी संख्या करीब 500 के आसपास है। उसी को लेकर एशियाटिक शेरों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से लायन सफारी में शुरू में तीन शेर व तीन शेरनियों को लाया गया था। इनके प्रजनन का काम शुरू भी हुआ और शेर शेरनियों की आपस में मेटिंग भी कराई जाने लगी। परंतु अक्टूबर 2014 में शेरनी लक्ष्मी व उसके 15 दिन बाद शेर विष्णु की मौत ने शुरुआती दौर पर बड़ा झटका लायन सफारी को दिया। हालांकि शेरनी हीर व शेरनी ग्रीष्मा को गर्भधारण भी कराया गया था परंतु जुलाई 2015 में इनके 5 शावकों ने दम तोड़ दिया। उसके बाद ऐसा लगा कि लायन सफारी में ब्री¨डग का काम सफल नहीं हो पाएगा।

शेरनी जेसिका ने सफारी को दी आक्सीजन

ब्री¨डग के कार्य में लगातार असफलता मिलते देख लायन सफारी में वर्ष 2016 में पहुंची जेसिका ने 5 अक्टूबर 2016 को दो बच्चे संभा व सुल्तान पैदा करके वन विभाग के अधिकारियों में उम्मीद की किरण जगा दी। उसके बाद कुछ दिन पूर्व एक और शावक को जन्म देकर जेसिका ने खुशियों की लहर को और पुख्ता कर दिया। अब सवाल यह है कि 10 की संख्या का आंकड़ा लायन सफारी प्रशासन कब तक पूरा कर पाएगा। इसको लेकर वन विभाग के अधिकारियों के सामने भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

कोई नया रास्ता निकाला जाएगा

इटावा सफारी पार्क के निदेशक पीपी ¨सह का कहना है कि पर्यटकों के लिए 10 बच्चों की शर्त केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने रखी है। परंतु जिस हिसाब से ब्री¨डग का कार्य हो रहा है उससे नहीं लगता कि अगले कुछ सालों में 10 बच्चे उन्हें मिल पाएंगे। वे प्रयास कर रहे हैं कि प्राधिकरण से नई परमीशन के तहत जो बच्चे पैदा हो गए हैं उन्हीं को पर्यटकों के लिए छोड़े जाने का प्रयास कराएंगे। इसके लिए प्रस्ताव लाया जाएगा।


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