प्रधानमंत्री आवास व इज्जतघर में मिलीं अनियमितताएं
जागरण संवाददाता इटावा विकास खंड भरथना की ग्राम पंचायत कर्वा फूलपुर में जिलाधिकारी के आदेश के बाद कराई गई जांच में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत आवंटित इज्जतघरों के निर्माण इंटर लॉकिग कार्यों व मनरेगा के कार्यों में बड़ी अनियमितता पाई गई है।
जागरण संवाददाता, इटावा : विकास खंड भरथना की ग्राम पंचायत कर्वा फूलपुर में जिलाधिकारी के आदेश के बाद कराई गई जांच में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत आवंटित इज्जतघरों के निर्माण, इंटर लॉकिग कार्यों व मनरेगा के कार्यों में बड़ी अनियमितता पाई गई है। मामले में प्रधानमंत्री आवास व इंटर लॉकिग में 19 लाख 20 हजार रुपये व स्वच्छ भारत मिशन में 10 लाख 64 हजार रुपये की अनियमितता सामने आई है। कुल मिलाकर 29 लाख 91 हजार रुपये की अनियमितता का मामला सामने आया है। मामले की जांच खंड विकास अधिकारी चकरनगर प्रमोद कुमार, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी रोहित कुमार व सहायक अभियंता राघवेंद्र कुमार शर्मा ने की थी।
सीडीओ राजा गणपति आर ने पूरे मामले की रिपोर्ट पर जानकारी देते हुए बताया कि एक ही परिवार में कई बार आवास दिए गए हैं साथ ही कुछ ऐसे व्यक्तियों को आवास दिए गए हैं जो पूर्णत: अपात्र हैं। जांच में यह भी तथ्य सामने आया है कि प्रत्येक आवास में 55 हजार रुपये रिश्वत के तौर पर लिए गए हैं। 30 फीसद आवास ऐसे हैं जो बनाए नहीं गए और उनका पैसा निकाल लिया गया है। यह आवास वर्ष 2016-17, 17-18 के हैं। जांच के समय ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए।
गांव में बनाए गए इज्जतघर में से 40 फीसद बनाए ही नहीं गए हैं। कुछ इज्जतघर ऐसे हैं जो 15 से 20 वर्ष पहले के बने हैं इन सभी का पैसा फर्जी तौर पर निकाल लिया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा आवंटित इज्जतघरों का कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके साथ-साथ मनरेगा योजना के तहत भी ऐसे मामले सामने आए हैं जो लोग दिल्ली, पंजाब में नौकरी करते थे और उनका धन यहां पर निकाला जा रहा था। मनरेगा के मामले में सोशल ऑडिट कराए जाने की संस्तुति की गई है।
वहीं इंटरलॉकिग व खड़ंजा के निर्माण कार्यों में भी भारी कमियां पाई गई है। तीन वित्तीय वर्षों वर्ष 2016-17, 17-18 व 18-19 में खड़ंजा व इंटरलॉकिग के निर्माण कार्य में लागत की धनराशि व व्यय की गई धनराशि का अंतर 10 लाख 64 हजार 440 रुपये का पाया गया है। जांच में सहायक विकास अधिकारी पंचायत द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया। सीडीओ ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।