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होम्योपैथी क्लीनिक में चल रहा अवैध पटाखों का कारोबार, 50 लाख की आतिशबाजी बरामद

इटावा के भरथना कस्बे में बुधवार को पुलिस को छापेमारी के दौरान होम्योपैथी की क्लीनिक में करीब 50 लाख की आतिशबाजी अवैध रूप से मिली।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 03:47 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 05:57 PM (IST)
होम्योपैथी क्लीनिक में चल रहा अवैध पटाखों का कारोबार, 50 लाख की आतिशबाजी बरामद
होम्योपैथी क्लीनिक में चल रहा अवैध पटाखों का कारोबार, 50 लाख की आतिशबाजी बरामद

इटावा (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में अवैध पटाखा बनाने और बेचने के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत छापेमारी जारी है। इसी अभियान के तहत इटावा के भरथना कस्बे में बुधवार को पुलिस को छापेमारी के दौरान होम्योपैथी की क्लीनिक में करीब 50 लाख की आतिशबाजी अवैध रूप से मिली। यह आतिशबाजी क्लीनिक की आड़ में बेची जा रही थी। बेचने वाले के पास कोई लाइसेंस नहीं पाया गया। ध्यान रहे कि दीपावली के पहले आतिशबाजी की बिक्री शुरू है। बिना लाइसेंस पटाखे की बिक्री से आग लगने की आशंकाएं बनी रहतीं है। ऐसे में पटाखों की अवैध बिक्री पर रोक की कोशिश करना जरूरी हो गया है।

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चार लोडरों में भरी आतिशबाजी 

भरथना क्षेत्र के उपजिलाधिकारी नंद प्रकाश मौर्या, सीओ विकास जायसवाल, कोतवाली प्रभारी भोलू सिंह भाटी ने पुलिस बल के साथ क्लीनिक पर छापा मारा तो हड़कंप मच गया। क्लीनिक चलाने वाला अवधेश पोरवाल पकड़ा गया। क्लीनिक के अंदर चार कमरों में आतिशबाजी रखी थी। सीओ विकास जायसवाल ने बताया कि अवधेश पोरवाल के पास होम्योपैथिक की डिग्री है। वह मीरा निक होम्यो क्लीनिक का बोर्ड लगाए है परंतु क्लीनिक में दवा की जगह आतिशबाजी मिली है। अवधेश पोरवाल के पास लाइसेंस नहीं था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने चार लोडरों में आतिशबाजी भरकर थाना भिजवाई। इससे पहले भी नेविल गंज में छापा मारकर पुलिस ने आतिशबाजी दुकान को सील कर दिया था। उस मामले में भी अवधेश पोरवाल का आतिशबाजी का माल बताया जा रहा था। अवधेश को विस्फोटक अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

बगैर लाइसेंस के बेच रहे आतिशबाजी के सामान

अमूमन दो दिनों तक केवल लाइसेंसी दुकानदार ही खुले पटाखों की बिक्री करते हैं। इस बार स्थितियां उलट हैं। सड़क की पटरियों पर खुले आम पटाखे बेचे जा रहे हैं। सड़क पर भारी आवागमन, अतिक्रमण के कारण मामूली सी असावधानी भी पटाखों में विस्फोट का कारण बन सकती है। दीपावली में कुछ लोगों को दो दिनों के लिए अस्थायी लाइसेंस दिया जाता है। इसके बावजूद दीपावली के पहले से ही सैकड़ों पटाखों की दुकानें सजी हैं। जिलों के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लाइसेंसी विक्रेताओं के अतिरिक्त अगर कोई दुकानदार पटाखों की बिक्री करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा कर जेल भेजा जाएगा। 


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