इस जर्जर सड़क पर कैसे नंगे पांव निकलेंगे शिव भक्त
सरसईनावर हजारी महादेव मंदिर पर वनाए गये लाखों रुपय के शौचालय में निर्माण के छै महीने बाद भी पानी की आपूर्ति न होने से यह सफेद हाथी वना हुआ है महाशिवरात्रि पर आने वाले भक्तों को खुले में ही शौच को जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। विकास खंड ताखा के सरसईनावर के हजारी महादेव मंदिर प्रांगण में तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कु
संवाद सूत्र, ऊसराहार : जिलाधिकारी से शिकायत के बाद भी हजारी महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि पर आने वाले भक्तों को रास्तों के कंकड़ उनकी राह रोकेंगे। कई माह से ठीकेदार द्वारा सड़क पर गिट्टी डाल दी गयी थी लेकिन सड़क न बनाए जाने से यह उसी हाल में बनी हुई है। सबसे ज्यादा परेशानी उन कांवरियों को होगी जो नंगे पैर आते हैं।
सरसईनावर के हजारी महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि से पंद्रह दिन तक चलने वाले मेला में दुकानें सजने लगी हैं, लेकिन मंदिर के आसपास की सड़क पर गिट्टी बिखरे रहने से शिवभक्तों की राह मुश्किल होगी। इस संबंध में मंदिर मेला कमेटी के सदस्य सुरेश तिवारी ने बताया कि उन लोगों ने जिलाधिकारी जेबी सिंह से मिलकर शिकायत की थी लेकिन अभी तक सड़क सही नहीं करायी गयी है। मंदिर के महंत सियाराम दास का कहना है कि कांवरियों में ज्यादातर नंगे पैर आते हैं ऐसे में उनके गिरकर घायल होने की संभावना है। उपजिलाधिकारी ताखा नंद प्रकाश मौर्य ने बताया कि वह सोमवार को स्वयं निरीक्षण करेंगे, सड़क को सही कराने का प्रयास किया जाएगा। पानी के अभाव में सफेद हाथी बना शौचालय सरसईनावर हजारी महादेव मंदिर पर बनाए गये लाखों रुपये के शौचालय में निर्माण के छह महीने बाद भी पानी की आपूर्ति न होने से यह सफेद हाथी बना हुआ है। महाशिवरात्रि पर आने वाले भक्तों को खुले में ही शौच को जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
विकास खंड ताखा के सरसईनावर के हजारी महादेव मंदिर प्रांगण में तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी के निर्देश पर सार्वजनिक शौचालय बनाया गया था, लेकिन निर्माण के बाद से लेकर इसमें पानी की आपूर्ति का कोई इंतजाम न किए जाने से यह सार्वजनिक उपयोग में आजतक नहीं आ पाया है। इस संबंध में ग्रामीण पंचम सिंह ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी से कई बार शिकायत की है, लेकिन आज तक वह अनुपयोगी ही बना हुआ है। वहीं कालिका माता सुंदर कांड सेवा समिति के सदस्य राजन सिंह लालू गुप्ता का कहना है कि हजारी महादेव मंदिर पर लगने वाले मेला में दुकानदार और कांवरियों को खुले में ही शौच के लिए जाने को मजबूर होना पड़ेगा।