बेसहारा पशु कर रहे फसलों की बर्बादी
संवादसूत्र बकेवर बेसहारा पशुओं से फसलों के बचाव के लिए किए जा रहे सरकारी दावे धरातल
संवादसूत्र, बकेवर : बेसहारा पशुओं से फसलों के बचाव के लिए किए जा रहे सरकारी दावे धरातल पर फर्जी साबित हो रहे हैं। सड़कों और खेतों में विचरण कर रहे पशु अतिवृष्टि से बर्बाद किसानों को और अधिक बर्बाद कर रहे हैं। इससे किसानों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है।
शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर गोशालाओं का निर्माण कराया गया। लेकिन किसानों को इनका कोई लाभ मिल नहीं रहा है। दूर दराज से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग वाहनों में गोवंश को लाकर लखना चकरनगर मार्ग पर छोड़ जाते हैं जो भूख से व्याकुल होने से खेतों में फसल साफ करके आगे बढ़ जाते हैं। शिक्षक रवि त्रिपाठी ने बताया कि अकेले टकरुपुर, सब्दलपुर गांव में ही करीब सौ बीघा से अधिक बाजरा की फसल पशुओं ने उजाड़ दी।
धीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि उनकी चार बीघा बाजरा की फसल पूरी तरह साफ कर दी गई है। इसके अलावा और भी बहुत से किसान है जिनके खेत में एक भी सरसों का पेड़ देखने को नहीं मिलेगा, लाखों रुपये की लागत से तैयार की जा रही सरसों की फसल भी बर्बाद हो रही है। इसी तरह आसपास के गांव दाउदपुर, सारंगपुरा, लखनपुरा, बरौली, बसैयाहार जैसे अन्य कई गांवों को मिला लिया जाए तो कई सैकड़ों बीघा फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। एडीओ पंचायत श्याम वरन राजपूत ने बताया कि जल्द अभियान चलाकर पशुओं को पकड़ा जाएगा और उन्हें गोशाला में भिजवाया जाएगा। आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान
फसल चौपट होने के डर से किसानों को रात-रात भर खेतों की देखभाल करनी पड़ती है। अगर थोड़े समय के लिए भी इधर-उधर या कहीं चले गए तो पता भी नहीं चलता कि कब पशुओं का झुंड फसल को चट कर दे। खेती में काफी लागत लगाने के बाद फसल चौपट होने की स्थिति में किसानों को आर्थिक तंगी गुजरना पड़ रहा है।