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किसानों की मांगों का हल निकालें, अन्यथा तेज होगा आंदोलन

जासं इटावा केंद्र व उप्र सरकार किसान आंदोलन से भयभीत हैं। इसलिए किसानों की हत्याओं दमन

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:22 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 10:22 PM (IST)
किसानों की मांगों का हल निकालें, अन्यथा तेज होगा आंदोलन
किसानों की मांगों का हल निकालें, अन्यथा तेज होगा आंदोलन

जासं, इटावा : केंद्र व उप्र सरकार किसान आंदोलन से भयभीत हैं। इसलिए किसानों की हत्याओं, दमन, अवैध नजरबंदी और शांतिपूर्ण आंदोलन पर रोक जैसे हथकंडे अपना रही हैं। लेकिन किसान आंदोलन तीन काले कृषि कानूनों, एमएसपी की कानूनी गारंटी, लखीमपुर खीरी किसान पत्रकार हत्याकांड की साजिश में गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी न होना, तब तक थमने वाला नहीं है। सरकार किसानों से बातचीत करके उनकी मांगों का हल निकाले नहीं तो आंदोलन और तेज होगा।

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यह बात अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एसकेएम संचालन समिति के सदस्य पी. कृष्ण प्रसाद ने प्रेस वार्ता में कही। उप्र किसान सभा के महामंत्री मुकुट सिंह ने कहा कि योगी सरकार भीषण दमन पर उतारू है। प्रदेश भर से आंदोलन को दबाने के लिए नजरबंदी आदि की सूचनाएं मिल रही हैं। इटावा में भी पुलिस किसान नेताओ को घेर रही है। यदि किसानों को और ज्यादा दबाया और फंसाया गया तो इटावा में संयुक्त किसान मोर्चा का दूसरा मोर्चा खोला जाएगा, जिसमें बड़े किसान नेता शामिल होंगे।

ऊसराहार : भरतिया चौराहा पर स्थित एक मैरिज होम में आयोजित किसान कार्यकर्ताओं के सेमिनार में पी. कृष्ण प्रसाद ने कहा कि संविधान हमें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति देता है। देश में तानाशाही नहीं चलेगी। उन्होंने कहा पूंजीवादी शासन में गरीब जनता का शोषण होता है। किसान आंदोलन हमारी आने वाली पीढि़यों को बचाने का आंदोलन है। उप्र किसान सभा के महामंत्री मुकुट सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष नाथूराम यादव, विश्राम सिंह ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता वैद्य विश्राम सिंह ने की।

डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर जताई नाराजगी : समाजवादी व्यापार सभा की बैठक संरक्षक मंडल सदस्य श्रवण कुमार गुप्ता के प्रतिष्ठान पक्की सराय पर हुई। संरक्षक सदस्य डा. आशीष दीक्षित एवं विजय सिंह वर्मा ने डीजल-पेट्रोल के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि को लेकर खासी नाराजगी प्रकट की। उन्होंने कहा कि जनता को महंगाई कम करने के झूठे वादे पर बनी सरकार आज सरसों के तेल से लेकर रसोई गैस की कीमतों में कोई कमी नहीं करना चाहती है जिसके कारण महिलाओं की रसोई का बजट बिगड़ रहा है। घरेलू बिजली के रेट में भी लगातार बढ़ोतरी ने साबित कर दिया है सरकार को निम्न आय के मध्यम वर्ग से कोई लेना देना नहीं है।

नगर महासचिव राजकुमार वर्मा ने महंगी पढ़ाई से बच्चों के भविष्य को लेकर चिता जताई। उपाध्यक्ष जितेंद्र सोनी ने फुटपाथ पर काम करने वाले व्यापारियों को शहर में व्यवस्थित करने की मांग की। जिलाध्यक्ष राजीव चंदेल ने कहा कि भारत के सार्वजनिक उपक्रमों को कौड़ियों के दाम में बेचा जा रहा है। इस देश के आधारभूत ढांचे का भी निजीकरण किया जा रहा है। कार्पोरेट को बढ़ावा देने वाली नीतियों को इस तरह लागू किया जा रहा है कि आने वाले समय में देश की जनता कानून का दरवाजा खटखटाने लायक भी न रहे। आज के समय में जनता के दर्द को राजनीतिक तौर पर सामने लाकर सामाजिक दबाव बनाने के लिए समाजवादी व्यापार सभा इस संघर्ष में जनता के साथ है।


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