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महिला को पीटने में थानेदार सहित आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा

जासं इटावा शिक्षक की पत्नी को मामूली से कहासुनी में घर से लेकर थाने तक बेरहमी से पीट

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 06:45 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 06:45 PM (IST)
महिला को पीटने में थानेदार सहित आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा
महिला को पीटने में थानेदार सहित आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा

जासं, इटावा : शिक्षक की पत्नी को मामूली से कहासुनी में घर से लेकर थाने तक बेरहमी से पीटने के मामले में न्यायालय के आदेश से तत्कालीन कार्यवाहक थाना प्रभारी, दारोगा, महिला कांस्टेबल और पांच अज्ञात सिपाहियों के विरुद्ध मारपीट, धमकी, एससीएसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है। मामला करीब सात माह पुराना है। थाना फ्रेंड्स कालोनी से जुड़े इस मामले में पीड़िता को न्याय की मंजिल तक पहुंचाने में प्राथमिक शिक्षक संघ की भूमिका रही है। घटना के करीब एक सप्ताह तक सुर्खियों में रहे मामले में दबाव बढ़ने पर कार्यवाहक थाना प्रभारी को लाइन हाजिर और मुख्य आरोपित महिला कांस्टेबल को निलंबित किया गया था। घटना ने तब तूल पकड़ा जब पीड़िता के विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। दोषी पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज न होने पर पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। फ्रेंड्स कालोनी के सी-14 ब्लाक पत्ता बाग में देवेंद्र सिंह के मकान में किराये पर रहने वाले शिक्षक अरुण की पत्नी संगीता के मुताबिक मकान की तीसरी मंजिल पर फ्रेंड्स कालोनी थाने में तैनात तत्कालीन महिला सिपाही प्रियंका किराये पर रहती थी। 15 फरवरी की रात करीब 11 बजे वह पति व बच्चों के साथ सो रही है। रात में देर से गेट खोलने पर सिपाही प्रियंका ने उन पर रौब दिखाकर धमकाया। विरोध करने पर प्रियंका ने फोन कर थाने से तत्कालीन कार्यवाहक थाना प्रभारी एसएसआई वीरेंद्र बहादुर, एसआई तरुण प्रताप, साथी महिला सिपाही समेत चार-पांच अन्य सिपाहियों को बुला लिया। पुलिस कर्मियों ने मकान के गेट को जबरदस्ती खुलवाया और घर के अंदर घुसकर मारपीट की। चीखने व चिल्लाने की आवाज सुनकर मदद को आए अजय कुमार, उनकी पत्नी वंदना व बेटे नवाब सिंह के साथ भी मारपीट की और सभी को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर फ्रेंड्स कालोनी थाने ले गए। आरोप है कि संगीता, अरुण, वंदना व अजय को थाने में एसएसआई, एसआई, महिला सिपाही समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने लात-घूसों-थप्पड़ों व पट्टे से पीटा। मारपीट में संगीता व वंदना घायल हो गई थीं। कार्यवाहक थाना प्रभारी ने संगीता की गर्दन पकड़कर सिपाही प्रियंका के पैर छुववाए थे। पुलिस ने जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया। आरोप है कि जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर कहा कि कहीं कोई शिकायत की तो फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेज दिया जाएगा। संगीता के मौसा शैलेंद्र प्रताप सिंह ने तत्कालीन एसएसपी आकाश तोमर व तत्कालीन सीओ सिटी राजीव प्रताप को सूचना दी। उच्चाधिकारियों ने पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने के बजाय संगीता व वंदना का चालान कर दिया था और उनकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की। मजिस्ट्रेटी बयान हुए, फिर भी नहीं लिखी रिपोर्ट शिक्षक परिवार के साथ पुलिसिया कहर ढाने वाले दोषी पुलिस कर्मियों पर न्यायालय से मुकदमा पंजीकृत होने पर प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद यादव ने कहा कि तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कमेटी गठित की गई थी। पीड़ित पक्ष के मजिस्ट्रेटी बयान भी लिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं कि गई बल्कि पीड़ित पक्ष के खिलाफ उल्टा मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की गई। तत्कालीन एसएसपी से न्याय न मिलने पर शिक्षक परिवार को मजबूरन न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। न्यायालय से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है। शिक्षक परिवार को जब भी जरूरत पड़ेगी, संगठन साथ खड़ा रहेगा। सीओ करेंगे विवेचना थाना प्रभारी गगन कुमार गौड़ ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर महिला सिपाही प्रियंका, एसएसआई वीरेंद्र बहादुर सिंह, एसआई तरुण प्रताप, समेत चार-पांच अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की विवेचना सीओ सिटी दरवेश कुमार करेंगे।

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