जनसंख्या होगी नियंत्रित तो मजबूत होगा आर्थिक ढांचा
ओम प्रकाश बाथम इटावा जनसंख्या नियोजन के क्षेत्र में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा लागू
ओम प्रकाश बाथम, इटावा
जनसंख्या नियोजन के क्षेत्र में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई योजनाएं धरातल पर खुशियां ला रहीं हैं। जो लोग अपनी रोजी-रोटी चलाने को मोहताज थे आज शासन की मदद से बहुत आगे बढ़ गए हैं। मुर्गी पालन करके जहां 1550 परिवार आत्मनिर्भर हो गए हैं। वहीं स्कूली बच्चों की ड्रेस सिलाई का काम पाकर 353 परिवार खुशहाल जीवन जी रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष में भी स्वयं सहायता समूह की संख्या 6015 से बढ़कर 6438 हो जाएगी। जिसके माध्यम से 3116 परिवारों को रोजगार मिल सकेगा।
कोरोना काल में जब लॉकडाउन से लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे। तो सरकार ने उनके जीविकोपार्जन के लिए अनेक तरह की योजनाएं संचालित कीं। इसी के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका मिशन के सहयोग से तकरीबन 39 विभिन्न योजनाओं के माध्यम से परिवारों में खुशहाली लाई गई। बढ़ती जनसंख्या को कम करने तथा हर हाथ को रोजगार से जोड़ने के लिए समूहों का गठन करके उनको संचालित करने के लिए बैंकों से ऋण दिलाया गया जिसकी मदद से समूह आगे बढ़े और हुनरमंदों को रोजगार से जोड़ा।
प्रमुख योजनाएं जो बनेंगी संजीवनी - बकरी पालन से 750 परिवारों को मिलेगा रोजगार।
- राशन वितरण में अभी 556 परिवार जुडे़ जो बढ़कर 1689 होंगे।
- बिजली बिल संग्रह में 50 को मिलेगा रोजगार।
- महिला मेठ के पद पर 150 परिवार होंगे समायोजित।
- 53 गांवों को किया जाएगा कुपोषण से मुक्त।
बेमौसम की सब्जी तकनीक बनी कारगर
प्रवासी मजदूर जब अपना कारोबार छोड़कर गांव लौटे तो उनके सामने आजीविका चलाने की एक समस्या थी। जिन लोगों के पास खेती थी उनको प्रशिक्षण देकर बेमौसम की सब्जी उगा कर आत्मनिर्भर बनाया गया। इनमें खीरा का उत्पादन अग्रणी रहा। लोग अब हर सीजन में खीरा पैदा करने लगे हैं। इस कार्य में 11 परिवार के तकरीबन 50 से अधिक लोग खीरा की खेती कर रहे हैं।
ऑनलाइन रोजगार मेला से उम्मीदें
वर्ष 2021 में शासन की ओर से नौ रोजगार मेला लगाने की योजना बनाई गई है। जिसमें हर मेला के माध्यम से तकरीबन 70 से अधिक बेरोजगारों को हर माह रोजगार मिलने की उम्मीद की जा रही है। इस तरह साल में तकरीबन 630 से लेकर 700 बेरोजगारों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है।
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इस साल नए कारोबार को गति प्रदान की जाएगी। जिससे अधिक से अधिक परिवारों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी व आजीविका मिशन के द्वारा योजनाएं संचालित की जाएंगी।
बृज मोहन अम्बेड, परियोजना प्रबंधक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन