आधुनिक चकाचौंध में अपनी संस्कृति, सभ्यता व संस्कार न भूलें
आधुनिकता की चकाचौंध में हमें अपनी संस्कृतिए सभ्यता व संस्कारों को दरकिनार नहीं करना चाहिए। आज के समय में हम शिष्टाचारए नैतिकता को भूलते जा रहे हैं। यह बात प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने विश्व महायज्ञ अश्वमेध की घोषणा व राज्यभिषेक आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि के रूप में शामिल होने के दौरान कही।
संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : आधुनिकता की चकाचौंध में हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों को दरकिनार नहीं करना चाहिए। आज के समय में हम शिष्टाचार, नैतिकता को भूलते जा रहे हैं। यह बात प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने ग्राम सिरहौल में विश्वमहा अश्वमेघ यज्ञ के घोषणा एवं राज्यभिषेक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि राजा जूदेव द्वारा किया जा रहा कार्यक्रम की जितनी सराहना की जाए कम है। यह पुरानी व सामाजिक परम्पराएं हैं इन्हें आज के लोग ये सब भूलते जा रहे हैं। इसलिए देश व समाज में विभिन्न दुश्वारियां सामने आ रहीं हैं। जीवन में शिष्टाचार व नैतिकता बहुत अहम है। किसी भी विषय को ले लें, हम अपनी युवा पीढ़ी पर पूरा दोष डाल कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। सवाल यह नहीं कि आज की युवा पीढ़ी में नैतिकता व शिष्टाचार की कमी हो रही है। क्या सारी गलती युवा पीढ़ी की ही है। मुझे नहीं लगता कि आज की युवा पीढ़ी सौ प्रतिशत गलत है। आज उनमें संस्कारों की कमी अगर हो रही है तो उसकी वजह सिर्फ और सिर्फ हम ही हैं। क्योंकि हम उनमें संस्कार नैतिकता शिष्टाचार नहीं भर पा रहे हैं। यह एक सोचने का विषय है। बच्चों का अनैतिक होना हमारी कमजोरी है। हम बच्चों को जिस प्रकार के संस्कार व शिक्षा देंगे उसी राह पर वह आगे बढ़ता है। छोटी अवस्था में बच्चों को संस्कारित करने में माता-पिता, दादा-दादी व बुजुर्गो का बड़ा हाथ होता था। कहानियां भी प्रेरणादायी होती थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम प्रताप सिंह ने की। कार्यक्रम संयोजक राजा जुगेन्द्र प्रताप सिंह जूदेव ने बताया कि राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए विश्वमहा अश्वमेघ यज्ञ के आयोजन की घोषणा व राज्यभिषेक कार्यक्रम में 21 फरवरी से यज्ञ शुरू होगा और 21 नवंबर को अश्व पूजन होगा। पूर्व मंत्री केपी सिंह चौहान, ब्लाक प्रमुख अनुज मोंटी यादव, अजेंद्र सिंह गौर, ज्ञानेंद्र सिंह, पुष्पेंद्र तोमर, सुभाष गुप्ता, खन्ना यादव, गोपाल गुप्त सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे, संचालन अमोल सिंह ने किया।