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डेंगू पीड़ित बालिका ने उपचार के दौरान दम तोड़ा

संवादसूत्र बकेवर लखना कस्बा के इंदिरा कालोनी में शिव शंकर की छठवीं कक्षा में पढ़ने वा

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 07:21 PM (IST)
डेंगू पीड़ित बालिका ने उपचार के दौरान दम तोड़ा
डेंगू पीड़ित बालिका ने उपचार के दौरान दम तोड़ा

संवादसूत्र, बकेवर : लखना कस्बा के इंदिरा कालोनी में शिव शंकर की छठवीं कक्षा में पढ़ने वाली पुत्री साक्षी कुमारी को एक सप्ताह पहले बुखार आ गया था। एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चलता रहा। सुधार न होने पर जांच कराई तो डेंगू की पुष्टि होने पर उसको मेडिकल कालेज सैफई ले जाया गया। वहां चार दिन तक उपचार चला और सोमवार की शाम उसकी मृत्यु हो गई। शिवशंकर कस्बा में मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। स्वजन साक्षी की जांच कराने के बाद इलाज करने की बात प्राइवेट डाक्टर से करते रहे थे, लेकिन डाक्टर लगातार दो दिन तक बगैर जांच के उपचार करता रहा और उसकी हालत ज्यादा बिगड़ती गई। ऐसी स्थिति में जब स्वजन जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, तो चिकित्सक ने गंभीर हालत देख अपने हाथ खड़े कर दिए और सैफई के लिए रेफर कर दिया था। शिवशंकर का कहना है कि यदि चकरनगर बाईपास पर निजी अस्पताल का चिकित्सक स्वजन के कहने से जांच कराकर उपचार करता तो शायद साक्षी की जान नहीं जाती। डेंगू के बढ़ते प्रकोप से कस्बा समेत आसपास क्षेत्र में दशहत का माहौल है। गांव बेरीखेड़ा, मानपुरा, सावतखां, मड़ौली, दाउदपुर, बरौली समेत आसपास गांवों में दर्जनों लोग बुखार से पीड़ित हैं, जिनका उपचार विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। हालांकि लखना पीएचसी प्रभारी विनोद झा ने कहा कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। टीमें लगातार गांव में कैंप कर बुखार से पीड़ितों की जांच कर रही हैं।

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नवादा खुर्दकला में डेंगू के कई पीड़ित निकले

संवादसूत्र, बकेवर : लवेदी क्षेत्र के ग्राम नवादा खुर्दकला में डेंगू मरीजों की तादात कम होने का नाम नहीं ले रही है। पूरे गांव में करीब एक सैकड़ा मरीज निकले हैं। इनमें कुछ लखना निजी चिकित्सक व झोलाछापों से इलाज करा रहे हैं, तो कुछ इटावा में निजी चिकित्सक के यहां उपचार कराने को विवश हैं। घर- घर चारपाईयां बिछने से दीपावली त्योहार की खुशियों में खलल है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भले ही डेंगू का प्रकोप न मानें लेकिन पैथालाजी से निकलकर आने वाली रिपोर्टों के अनुसार इलाज किया जा रहा है। इस समय नवादा खुर्दकला गांव में डेंगू का दंश झेल रहे छोटे दोहरे, रघुवीर प्रजापति, बड़े भोजबाल, हरी कठेरिया, ओमप्रकाश गुप्ता, शादीलाल राठौर, पिटू वाल्मीकि, राम सिंह राठौर, रामबहादुर राठौर, सत्ते कठेरिया, करन सिंह, शिवनाथ सिंह, मनीराम, कल्लू, छोटे सेंगर, ओमनरायण त्रिपाठी, रानू त्रिपाठी, देवेश त्रिपाठी, पवन कुमार, अजय त्रिपाठी, वीरेंद्र चौहान, अशोक सिंह, प्रकाश नरायण दुबे, बलवीर शर्मा, प्रमोद शर्मा, छुन्नू सिंह अपना इलाज लखना निजी चिकित्सक व कुछ मरीज झोलाछापों से तो कुछ मरीज इटावा में निजी चिकित्सक के यहां करा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अब तक गांव में एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं कराया गया है। पास में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहादुरपुर में करीब दो माह से चिकित्सक की तैनाती न होने से फार्मासिस्ट व स्वीपर के सहारे दवाएं व दुआएं दी जा रही हैं।


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