बंगाल-नेपाल के जरिये विदेश भेजे जाते हैं कछुए
संवाद सहयोगी, सैफई : बरामद किए गये 745 कछुए सुंदरी प्रजाति के हैं। लोग इनका मांसाहार में
संवाद सहयोगी, सैफई : बरामद किए गये 745 कछुए सुंदरी प्रजाति के हैं। लोग इनका मांसाहार में उपयोग करते हैं। इनको जनपद में प्रवाहित यमुना और चंबल नदी के अलावा तालाबों से निकाला जाता रहा है। तस्करी से जुड़े लोग इन कछुओं को बंगाल और नेपाल के जरिये विदेश तक पहुंचाने में भूमिका निभाते हैं। नेटवर्क के जिन चार सदस्यों का सोमवार को खुलासा हुआ वे कछुओं की तस्करी से करीब पांच साल से सक्रिय थे। इनमें से दो के खिलाफ पूर्व में मैनपुरी जिले के करहल थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया जा चुका है। एएसपी ग्रामीण रामबदन ¨सह ने बताया कि सुंदरी प्रजाति के कछुओं को विदेशों में ले जाकर प्रोटीन में प्रयोग किया जाता है। इनका मादक दवाएं तैयार करने में भी उपयोग किए जाने की जानकारी है। डीएफओ सतपाल ¨सह ने बताया कि बड़ी संख्या में कछुओं की बरामदगी से जल्द ही इटावा में इससे भी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे, उनकी टीमें लगातार लगी हुई हैं। किसी भी प्रकार से वन्य जीव की हत्या नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि तस्करी में जिसकी गाड़ी का प्रयोग किया जाता है उस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा। पुलिस को वाहन चे¨कग के दौरान बड़ी कामयाबी मिलने से निश्चित तौर पर वन्य जीवों की तस्करी में लिप्त नेटवर्क की कमर टूटेगी। संवाद सहयोगी भरथना के अनुसार नगर के मोहल्ला गिहार नगर में कछुआ तस्कर राजकूपर को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस व वन विभाग की टीम ने दबिश दी लेकिन नहीं पकड़ा जा सका। उसके घर पर ताला लगा मिला। सैफई थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार तीन तस्करों के मुताबिक राजकपूर आसपास क्षेत्रों से पकड़े गये कछुओ को जनपद औरैया पहुंचाने के बाद उन्हें बड़े-बड़े वाहनों से कोलकाता के लिए रवाना किया करता था। गिहार नगर में इससे पहले भी कुछ तस्कर कछुआ पकड़कर लाते रहे हैं।