हत्या में दो को आजीवन कारावास की सजा
जागरण संवाददाता, इटावा : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलेश कुमार ने तीन साल पूर्व हत्या करके
जागरण संवाददाता, इटावा : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलेश कुमार ने तीन साल पूर्व हत्या करके सबूतों को मिटाने के उद्देश्य से शव को बंबा में डालने के आरोपियों को दोषी माना। दोनों को आजीवन कारावास तथा 11-11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। तीन साल में निर्णय होने से पीड़ित पक्ष ने राहत महसूस की।
पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता मोहम्मद जुबैर तैमूरी ने बताया कि 26 मई 2015 की रात शहर में वाह अड्डा के पास रहने वाला करीब 38 वर्षीय मोहम्मद अफरोज नित्य की भांति ऑटो लेकर रेलवे स्टेशन गए लेकिन सवेरा होने पर घर नहीं आए तो उनकी खोजबीन शुरू की गई। उनका ऑटो हवाई पट्टी सैफई क्षेत्र में निर्जन स्थान पर पाया गया। अगले दिन 28 मई को थाना बसरेहर क्षेत्र में उदयपुरा गांव के पास नहर से निकले बंबा में क्षत-विक्षत दशा में शव पाया गया। मौके पर अफरोज का छोटा भाई मोहम्मद आरिफ व अन्य पड़ोसियों के साथ मौके पर पहुंचा तो शव की पहचान अपने बड़े भाई के रूप में की। अफरोज की हत्या करके उसकी पहचान समाप्त करने की नियत से चेहरे पर तेजाब डाला गया था। इसके बावजूद परिजन और पड़ोसी उसकी पहचान करने में सफल हुए थे। थाना पुलिस बसरेहर ने लगातार छानबीन करके उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाकर सबूत जुटाकर अमित जाटव पुत्र सुरेश बाबू तथा टीपू खान पुत्र अनवार खान विचपुरी खेड़ा थाना वैदपुरा के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। दोनों ने ऑटो के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था इसी के तहत हत्या की गई थी। पुलिस ने जो साक्ष्य जुटाए उसी के तहत कड़ी सजा दिए जाने की अपील की, आरोपी के अधिवक्ता सबूतों को संदेहजनक करने में असफल रहे।