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विशुद्ध प्रेम में ईश्वर का निवास है

जागरण संवाददाता, इटावा : वृन्दावन से आये अंतरराष्ट्रीय वक्ता गोपेश जी ने कहा कि प्रेम के 2 रू

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:13 PM (IST)
विशुद्ध प्रेम में ईश्वर का निवास है

जागरण संवाददाता, इटावा : वृन्दावन से आये अंतरराष्ट्रीय वक्ता गोपेश जी ने कहा कि प्रेम के 2 रूप हैं एक विशुद्ध और दूसरा वासनात्मक। आज के समय में मनुष्य प्रेम की गलत परिभाषा निकालता है जबकि प्रेम प्रदान है आदान नहीं। रुक्मणी जी के मन में द्वारिकाधीश के लिए विशुद्ध प्रेम था और द्वारिकाधीश के साथ उनका विवाह हुआ, उपरोक्त बातें कथावाचक आचार्य गोपेश जी ने कही।

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कथा में रुक्मणी कृष्ण की झांकी भी निकाली गई। कल भागवत कथा का विश्राम होगा। सुदामा चरित्र की कल कथा होगी। यह जानकारी यजमान परिवार के द्वारा प्रदान की गई। कथा के यजमान प्रमोद पांडेय और श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लेते हुए साक्षात बांके बिहारी का आशीर्वाद और कृपा के पात्र बने।


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