डेरा बंजारन की महिलाओं को नहीं मिले शौचालय
संवाद सहयोगी, सैफई : एक जमाने में वीवीआईपी रहे सैफई गांव सभा के डेरा बंजारन की दर्जन भ
संवाद सहयोगी, सैफई : एक जमाने में वीवीआईपी रहे सैफई गांव सभा के डेरा बंजारन की दर्जन भर महिलाओं ने स्वच्छता अभियान के अंतर्गत उन्हें भी शौचालय दिये जाने की मांग की। उनका कहना था कि वर्ष 2011 की आर्थिक गणना में आवासहीन होने के कारण इन सुविधाओं की पात्र हैं। ऐसे में गांव के प्रधान और एडीओ पंचायत सहित वे अधिकारी सवालों के घेरे में आ गये हैं जिन्होंने जिले को ओडीएफ घोषित किये जाते समय डेरा बंजारन के पात्रों को अनदेखा कर दिया।
इस मामले के सामने आने के बाद अफसरों के हाथ पांव फूल गये हैं, यद्यपि अभी तक इस मामले में सैफई उपजिलाधिकारी हेम¨सह ने समुचित कदम उठाने का भरोसा दिलाया है और कहा है कि उनके स्तर पर ब्लाक के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी तथा सभी पात्रों को जरूरत के हिसाब से शौचालय और आवास दिलाए जायेंगे। डेरा बंजारन की महिलाओं ने सीधे उपजिलाधिकारी से मिलकर उन्हें आवेदन देकर शौचालय दिलाने की गुहार लगाई गई।
बताया जाता है कि ब्लाक के अफसरों के स्तर पर शौचालयों के आवंटन में भारी हेर-फेर किये जाने की शिकायतें पहले से ही आती रही हैं और यह मामला सामने आने के बाद उप जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पात्र लोगों को हर हालत में शौचालय दिए जाएंगे लेकिन इस मजरे में शौचालय क्यों नहीं दिए गए इसकी जांच कराई जाएगी और जिस की लापरवाही रही होगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डेरा बंजारन में ओडीएफ होने के बाद भी वहां की गरीब वर्ग की महिलायें शौचालय मिलने से वंचित कैसे रह गईं यह एक जांच का विषय है। सैफई के विकास पर भी सवालिया निशान खड़े हो गये हैं। बताते चलें कि सैफई एक मात्र गांव ऐसा है जिसने प्रदेश की सरकार का पांच वार नेतृत्व किया है। चार बार खुद मुलायम ¨सह यादव मुख्यमंत्री रहे हैं जबकि एक बार उनके पुत्र अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहे।