कुपोषण पर जोरदार वार करेगा 'पंजा'
जागरण संवाददाता, इटावा : समाज के लिए बड़ी समस्या बन चुके कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लि
जागरण संवाददाता, इटावा : समाज के लिए बड़ी समस्या बन चुके कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए अब पांच सरकारी विभागों ने कमर कस ली है। इन विभागों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, खाद्य विभाग शामिल है। इस संबंध में शासन ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में विभागों की भूमिका भी तय कर दी है। पोषण अभियान में सम्मिलित विभागों द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिए ग्राम, ब्लाक, जनपद स्तरीय समेकित कार्ययोजना बनाकर लागू किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
जनपद में 1564 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 1 लाख 52 हजार 453 बच्चों को कुपोषित चिह्नित किया गया था। 31 अगस्त तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब 868 अति कुपोषित व 17451 बच्चे कुपोषित रह गए हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने डीएम को भेजे पत्र में सभी विभागों की भूमिका तय कर दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि कुपोषण की रोकथाम इन विभागों के सहयोग से ही संभव है।
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ब्लाक स्तर पर क्या होंगे दायित्व
पांचों विभागों को ब्लाक स्तर पर भी दायित्व सौंपे गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रति माह पोषाहार का वितरण, तीन साल तक के बच्चों का वजन प्रतिमाह, तीन से पांच साल तक के बच्चों का त्रैमासिक वजन कराना अनिवार्य किया गया है। स्वास्थ्य विभाग को संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान के निर्देश, सुपोषण स्वास्थ्य मेला आयोजित करने, स्कूल न जाने वाली किशोरियों को आयरन व कृमि मुक्ति की गोली खिलाने की जिम्मेदारी दी गई है। पंचायतीराज विभाग को सुपोषण मेले के आयोजन में सहयोग करने, कार्यक्रम विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार कुपोषित बच्चों के उन परिवारों, जिनके नाम बेसलाइन सर्वे में शामिल हों, शौचालय का निर्माण कराना होगा। ग्राम्य विकास विभाग को जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार कुपोषित बच्चों के परिवारों को मनरेगा जॉब कार्ड देने व परिवार के किसी एक सदस्य को काम देने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग कुपोषित बच्चों के परिवारों को सूची के अनुसार राशन कार्ड देगा और हर माह राशन उपलब्ध कराएगा। शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग से आयरन की गोलियों को मंगाना सुनिश्चित करेगा और किशोरियों को स्कूल में उपलब्ध कराएगा।
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समन्वय से हो रहा काम
सीडीओ पीके श्रीवास्तव का कहना है कि जनपद के 120 गांवों को कुपोषण मुक्त बनाया जा रहा है। सभी विभागों की बैठक कर आपसी तालमेल ग्राम पंचायत स्तर पर तय किया गया है, इसके अच्छे परिणाम भी मिले हैं। हमें उम्मीद है जल्द ही जनपद के 120 गांव कुपोषण से मुक्त हो जाएंगे।