प्रमुख पद के लिए भाजपा में ही हो सकता है मुकाबला
संवादसूत्र, बकेवर : महेवा ब्लाक प्रमुख पद के लिए होने वाले चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी ने अपन
संवादसूत्र, बकेवर : महेवा ब्लाक प्रमुख पद के लिए होने वाले चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी लड़ाने से साफ इन्कार किया। तो वहीं भाजपा को भाजपा से लड़ना होगा। क्योंकि अब महज दो प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में बचे हैं। जब कि देर शाम तक भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में प्रत्याशी चयन पर मुहर नहीं लग पाई है। महेवा ब्लाक प्रमुख पद के लिए बीडीसी रीना त्रिपाठी द्वारा सपा ब्लाक प्रमुख प्रमोद यादव के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें हुई वो¨टग में सपा के ब्लाक प्रमुख प्रमोद यादव को कुर्सी गंवानी पड़ी थी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा की गयी। जिसमें भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष व बिधीपुर से बीडीसी चुने गये अशोक चौबे ने बिधीपुर सीट से उपचुनाव जीतकर ताल ठौंक दी और अब इस सीट से अविश्वास लाने वाले भाजपा नेता गो¨बद त्रिपाठी की पत्नी रीना त्रिपाठी व अशोक चौबे दोनों लोग ही अपना अपना भाग्य अजमाने के लिए चुनाव मैदान में आ गये हैं। हालांकि आज नामांकन बिक्री के समय तक दो भाजपा प्रत्याशियों के अलावा न तो समाजवादी पार्टी से कोई प्रत्याशी मैदान में आया और न ही बसपा नेता कोई प्रत्याशी उतारा है। नामांकन पत्र की समयावधि होने के बाद स्थिति साफ हो गयी कि भाजपा को भाजपा से लड़ना होगा और अब रही बात भाजपा से टिकट की तो देर शाम तक भाजपा कोर कमेटी की बैठक चलती रही लेकिन कोई प्रत्याशी तय नहीं हो पाया और न ही किसी की घोषणा की गयी है। जिससे आगे की स्थिति साफ नहीं हो पा रही है कि भाजपा कहीं दोनों हाथों में लड्डू होने के साथ टिकट देने में कुछ सोच रही हो। इस संबंध में जब समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि जब कोई भी दल महेवा में हो रहे ब्लाक प्रमुख के उपचुनाव में अपना अधिकृत प्रत्याशी नहीं उतार रहा है तो समाजवादी पार्टी के द्वारा प्रत्याशी उतारे जाने का औचित्य ही नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि नामांकन के बाद पार्टी यह जरुर तय करेगी कि वह किस प्रत्याशी को अपना समर्थन दे। इस स्थिति के चलते अब साफ दिख रहा है कि इस ब्लाक में कुल 106 बीडीसी सदस्य हैं और जिसके पास ज्यादा बीडीसी सदस्यों का बहुमत होगा उसके सिर ही बंधेगा जीत का ताज। दोनों भाजपा के प्रत्याशियों के द्वारा बीडीसी सदस्यों से सम्पर्क बनाये जा रहे हैं। अब किस्मत का फैसला 15 सितंबर को मतदान के बाद होने वाली मतगणना से होगा।