निपाह वायरस को लेकर अलर्ट
जागरण संवाददाता, इटावा : निपाह वायरस को लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। महानिद
जागरण संवाददाता, इटावा : निपाह वायरस को लेकर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। महानिदेशक स्वास्थ्य का पत्र पहुंचने के बाद सीएमओ डा. अनिल कुमार अग्रवाल ने बचाव कार्य व राहत के लिए प्रत्येक सीएचसी में दो और पीएचसी में एक तथा जिला अस्पताल में चार बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया है। जबकि अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटने को कहा गया है। अभी जनपद से इस बीमारी के कोई लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल स्टाफ को बाकायदा पीड़ित व्यक्ति के आने पर तत्काल जिला मुख्यालय सूचना देने के साथ ही जरूरी सूचनाएं संकलित करने के निर्देश हैं। विभागीय दिशा-निर्देश जारी होने के बाद सीएचसी व पीएचसी के चिकित्सकों को भी एहतियात के तौर पर अलर्ट जारी किया गया है। ताकि किसी भी संदिग्ध को तुरंत उपचार दिया जा सके। फिलहाल अपने जिले में अब तक कोई केस सामने नहीं आया है। निपाह के लक्षण : निपाह वायरस की चपेट में आने के दो सप्ताह के अंदर मरीज में लक्षण प्रकट होने लगते हैं। इस रोग की मुख्य पहचान है कि रोगी को तेज बुखार, सिर दर्द, चीजों को भूल जाना, आलस आना, सांस लेने में दिक्कत होना और स्थिति गंभीर होने पर मरीज का कोमा में चला जाना। अगर यह लक्षण आते हैं तो आप मान लीजिए कि रोगी निपाह वायरस की चपेट में है।
यह बरतें सावधानी : जानवरों के कुतरे हुए या पेड़ से गिरे हुए फल खास तौर पर खजूर, आम आदि का सेवन न करें। मरीज के संपर्क में जाने के लिए मास्क का प्रयोग करें और मरीज से मिलने के बाद हाथ अच्छी तरह से साबुन से धोएं। सुअर या दूसरे जानवरों के संपर्क में न आएं, प्रभावित व्यक्ति के मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में सावधानी बरतें चूंकि उस समय भी निपाह के वायरस उसके शरीर में मौजूद होंगे। कैसे फैलता है यह वायरस : निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित होने या फिर संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य जीवों के संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एंसेफलाइटिस का कारण बनता है, इंजेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों तक पहुंच सकता है। खजूर की खेती या चमगादड़ के संपर्क में आने वाले इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं। निपाह से बचने के लिए सावधानियां : - ऐसी जगहों पर न जाएं जहां चमगादड़ों का आना जाना है। - पेड़ से गिरे फल जिसको किसी भी चिड़िया ने चखा हो न खाएं। - फलों को पानी से अच्छी तरह से धोकर खाएं। - संक्रमित सुअर या इंसान के संपर्क में आने से बचें। - जिन इलाकों में निपाह की पहचान हुई वहां न जाएं। - पीने का पानी ढक कर रखें और कटे-फटे फल न खाएं।
अधिकारी बोले : निपाह वायरस के लक्षण अभी जनपद में देखने को नहीं मिले हैं, फिर भी महानिदेशक स्वास्थ्य के निर्देश पर सावधानी बरतने के साथ अलर्ट जारी कर दिया गया है। लोगों से भी बचाव करने को कहा गया है। क्योंकि बचाव ही उपचार है। अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी को इस तरह की जानकारी मिले तो उनके कार्यालय में जानकारी दे सकता है। - डा. अनिल कुमार अग्रवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी