अनाथ बेटियों का बना दिया 48 हजार रुपये का आय प्रमाण पत्र
अनुकंपा की पात्र अनाथ बेटियों का लेखपाल द्वारा आय से अधिक प्रमाण पत्र बनने का मामला इस समय खूब सुर्खियों में है। आय से अधिक के प्रमाण पत्र से अनाथ बेटियों को न तो स्कॉलर मिला और न ही शादी अनुदा
संवाद सहयोगी, चकरनगर : अनुकंपा की पात्र अनाथ बेटियों का लेखपाल द्वारा आय से अधिक प्रमाण पत्र बनने का मामला इस समय खूब सुर्खियों में है। आय से अधिक के प्रमाण पत्र से अनाथ बेटियों को न तो पढ़ाई में सहायता मिल रही और न ही शादी अनुदान मिल सका। बेटियां एक वक्त की रोटी के लिए मोहताज हैं और प्रशासन धनवान होने का दावा कर रहा है।
राजस्व विभाग के ग्राम लेखपालों द्वारा लापरवाही की हद पार करने का एक मामला इस समय खूब सुर्खियों में है। हद तो तब हो गयी जब चकरनगर के गांव विद्यापुरा निवासी अनाथ छह बेटियों का ग्राम लेखपाल द्वारा परिवार की वार्षिक आय 48 हजार रुपये का आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। उक्त प्रमाण पत्र से न तो अनाथ बेटियों को स्कॉलर मिला और न ही शादी अनुदान। बताते चलें कि उपरोक्त अनाथ बेटियों के पिता परशुराम दोहरे की मौत के बाद करीब दो वर्ष पूर्व ही माता संतोषी देवी भी स्वर्ग सिधार गई। अनाथ बेटियों के सर से माता-पिता का साया उठने के बाद बेटियों को एक वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही थी। उपरोक्त अनाथ बेटियों की समस्या को देखते हुए आस-पड़ोस के ग्रामीणों ने दो बेटियों के हाथ पीले कर दिए। लेकिन जब अनाथ बेटियों अंजली व खुशबू द्वारा शादी अनुदान के लिए आय प्रमाण पत्र बनने के लिए डाला गया तो उसमें ग्राम लेखपाल द्वारा 48 हजार रुपए आय दर्शाई गई। अब आप उपरोक्त वाकिये से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि अनाथ बेटियों कि आखिर 48 हजार आय कहां से हो गई। नियम के अनुसार 36 हजार रुपये आय होने पर ही शादी अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है।
बताते चलें कि छ: बेटियों के पास महज दो बीघा जमीन है वो भी जंगल की। उसमें दो क्विटल भी अनाज नहीं हो सकता। हकीकत यह है कि अनुकंपा की पात्र बेटियों का आय से अधिक प्रमाण पत्र बनाकर ग्राम लेखपाल द्वारा प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजना का मजाक उड़ाया गया है।
इस संबंध में एसडीएम इंद्रजीत सिंह ने बताया कि मामले में तहसीलदार से जांच कराई जाएगी और अगर गड़बड़ी है तो उसे ठीक कराया जाएगा।