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पशुपालकों पर भारी टीकाकरण का बहिष्कार

इटावा, जागरण संवाददाता : जिले में सामान्य से कम बरसात तथा चटक धूप के कारण बढ़ी उमस जहां आम आदमी के ल

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 05:31 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 05:31 PM (IST)
पशुपालकों पर भारी टीकाकरण का बहिष्कार

इटावा, जागरण संवाददाता : जिले में सामान्य से कम बरसात तथा चटक धूप के कारण बढ़ी उमस जहां आम आदमी के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है वहीं पशुओं के लिए भी अभिशाप बनती जा रही है। पशुओं में अनेक प्रकार की बीमारियां पनपने लगी हैं। हरा चारा भी मुफीद नहीं रह गया है।

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विशेषज्ञों के मुताबिक हरा चारा विषाक्त होता जा रहा है। जिन किसानों ने फसल को कीटों से बचाने के लिए खेत में दवा का छिड़काव किया है, उन खेतों का हरा चारा पशुओं के लिए विषाक्त बन गया है। अगर भूल से भी किसी पशु ने चारा खा लिया तो उसको मौत से कोई नहीं बचा सकता है। मौसम की बेरुखी का आलम यह है कि पशु भी बुखार, डायरिया, पेट फूलने प्रोलेक्स, खुरपका, मुंहपका आंतों की बीमारी के साथ कई अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। पशुओं में फैलने वाली बीमारियों को लेकर पशु पालक खासे परेशान हैं। टीकाकरण बहिष्कार से तकरीबन चार लाख पशुओं के लिए परेशानी और बढ़ गयी है।

उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि पशुओं के लिए यह मौसम बीमारी भरा होता है। इसके लिए किया जाने वाला टीकाकरण नहीं होने तथा सरकार व पशु चिकित्सकों के बीच विभिन्न मांगों को लेकर आपसी समझौता न हो पाने के कारण टीकाकरण पर असमंजस बरकरार है।


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