उमस में और कसा डायरिया का शिकंजा
एटा जासं। उमस भरी गर्मी के मौसम में डायरिया का शिकंजा और ज्यादा कस गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों में डायरिया से प्रभावित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले दिनों हुई बरसात से तपन भले ही कम हुई हो लेकिन उमस के चलते लोग पसीना-पसीना हो रहे हैं।
एटा, जासं। उमस भरी गर्मी के मौसम में डायरिया का शिकंजा और ज्यादा कस गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों में डायरिया से प्रभावित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
पिछले दिनों हुई बरसात से तपन भले ही कम हुई हो, लेकिन उमस के चलते लोग पसीना-पसीना हो रहे हैं। सामान्य परेशानी के अलावा यह उमस बीमारियों का सबब बन रही है। इस मौसम में वेक्टीरिया अधिक सक्रिय होते हैं। जिसके चलते डायरिया का प्रकोप भी बढ़ गया है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में प्रतिदिन तीन-चार डायरिया के मरीज भर्ती कराए जा रहे हैं। जबकि बाह्य रोगी विभाग में तो दो दर्जन से अधिक लोग डायरिया के इलाज को पहुंच रहे हैं। इसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। बच्चों और बुजुर्गों की संख्या अधिक है। शहर के निजी डॉक्टरों के क्लीनिकों पर भी इन दिनों सबसे अधिक मरीज डायरिया के ही आ रहे हैं। जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. एस चंद्रा ने बताया कि मक्खियों, गंदे पानी, बासी व दूषित भोजन से संक्रमण फैलता है। बरसात के बाद निकलने वाली धूप से डायरिया, गैस्ट्रोइंट्राइटिस आदि के मामले बढ़ते हैं। खानपान में असावधानी बरतने पर कोई भी डायरिया अथवा पेट संबंधी अन्य बीमारियों का शिकार हो सकता है। जिला अस्पताल के ही डॉ. मनोज गुप्ता ने बताया कि गर्मी में बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गर्मी के कारण पसीने से लगातार जरूरी तत्व शरीर से निकलते रहते हैं। इससे बच्चे कमजोर हो जाते हैं। इससे उनमें कई अन्य प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।