सुधरना मंजूर नहीं, एक दिन में भुगत लिया सवा लाख का जुर्माना
यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले किस हद तक लापरवाह हैं यह न
एटा, जागरण संवाददाता : यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले किस हद तक लापरवाह हैं, यह नजारा देखना है तो एटा की किसी भी सड़क पर खड़े हो जाइए। लोगों को सिर पर हेलमेट लगाना मंजूर नहीं, उनके पीछे बैठी सवारी बड़ी ही शान से हाथ में हेलमेट पकड़े रहती है। कान में लीड लगाए लोग फर्राटा भर रहे हैं। बिना सीट बेल्ट बांधे चार पहिया वाहन दौड़ाए जा रहे हैं, लोगों को सुधरना मंजूर नहीं है। भले ही जुर्माना देकर उनकी जेब क्यों न हलकी हो जाए। यकीन करना भले ही मुश्किल हो, मगर यह सच है कि यहां के दोपहिया वाहन चालकों ने शनिवार के दिन सवा लाख रुपये बतौर जुर्माना पुलिस को दे दिए।
यातायात माह शुरू हो चुका है। ट्रैफिक पुलिस ने सड़कों पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। कई दिन से इस बात का प्रचार किया जा रहा है कि 2 नवंबर से दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठने वाली दूसरी सवारी के लिए हेलमेट अनिवार्य है। पूर्व में भी इस तरह के आदेश जारी किए गए, लेकिन उन्हें हल्का समझ लिया गया। केंद्र सरकार ट्रैफिक अधिनियम लागू कर चुकी है इसलिए प्रदेश सरकार भी ट्रैफिक नियमों की ओर ध्यान दे रही है। एटा शहर में जीटी रोड पर प्रत्येक प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिस के साथ अतिरिक्त पुलिस की तैनाती कर दी गई है। फिर भी हेलमेट का अनुपालन करने में लोग हिचकिचा रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि पहले जो अभियान चलाए गए वे सफल नहीं हुए। नो हेलमेट, नो पेट्रोल वाला अभियान भी फेल रहा। इस कारण नियमों का उल्लंघन करने वालों के हौसले बढ़ते चले गए। इसी का परिणाम है कि लोग नियमों के प्रति सजग नहीं और वे बड़ी ही आसानी से जुर्माना भुगत रहे हैं।
यह बात अपने आप में बड़ी है कि दोपहर 12 बजे तक 78 वाहनों के ई-चालान शनिवार को हुए और उनसे 93 हजार 300 रुपये समन शुल्क वसूला गया। शाम तक 1 लाख 25 हजार रुपये के चालान काटे जा चुके थे। अगर एक माह का आंकड़ा जोड़ लिया जाए तो पुलिस 30 लाख रुपये से भी ज्यादा समन शुल्क वसूल सकती है।