बाजार में न घी असली और न तेल भरोसेमंद
एटा, जागरण संवाददाता: दीवाली के त्योहार को लेकर घी-तेल माफिया सक्रिय हो गए हैं। इसके कारण लोगों का स्वास्थ भी खराब हो रहा है।
जागरण संवाददाता, एटा: दीवाली के त्योहार को लेकर घी-तेल माफिया सक्रिय हो गए हैं। उन्हें मालूम है कि त्योहार पर इन उत्पादों की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है। ऐसे में मिलावटखोर अपने मुनाफे के लिए जमकर मिलावट करते हैं। शहर से सटे इलाकों और कई गांवों में चोरी-छिपे चल रही मिलावटी दूध , देसी घी बनाने का धंधा चल रहा है। इसके अलावा कई ऑयल एक्सपेलर सरसों के शुद्ध तेल के नाम पर मिलावटी तेल बाजार में उतार रहे हैं।
त्योहारों पर खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई दूध, मिठाई, मावा तक सीमित रहती है। जिसका लाभ तेल-घी माफिया को मिलता है और वे बेखौफ अपने काले धंधे को अंजाम देते रहते हैं। बड़ी कार्रवाई की बात करें तो तीन साल पहले शहर के अंदर एक एक्सपेलर पर छापे में मिलावटी तेल का कारोबार पकड़ा गया था। तेल के नमूने भी फेल आए। इसके पीछे प्रशासनिक सक्रियता मुख्य वजह थी। लेकिन इसके बाद ऐसी कोई कार्रवाई नजर नहीं आई। स्थिति यह है कि शहर, कस्बों और गांवों में तमाम ठिकानों पर मिलावटी घी-तेल बनाने का काम चल रहा है।