मेधा से होती समाज की पहचान
जिस घर में मेधा होती है वहां सरस्वती का वास होता है। मेधा परिवार घर और समाज की ही पहचान नहीं बढ़ाती समाज को सम्मान भी दिलाती है। संस्कार और शिक्षा दोनों एकदूसरे के पूरक होते हैं। इसलिए शिक्षा को संस्कारों की जननी कहा गया है। यह विचार सोमवार को विधायक मारहरा वीरेंद्र सिंह लोधी ने अखिल भारतीय लोधी महासभा द्वारा ने लक्ष्य के माध्यम से ग्राम सियपुर में आयोजित मेधावी सम्मान समारोह के दौरान व्यक्त किए।
एटा, जासं। जिस घर में मेधा होती है, वहां सरस्वती का वास होता है। मेधा परिवार, घर और समाज की ही पहचान नहीं बढ़ाती, समाज को सम्मान भी दिलाती है। संस्कार और शिक्षा दोनों एकदूसरे के पूरक होते हैं। इसलिए शिक्षा को संस्कारों की जननी कहा गया है। यह विचार सोमवार को विधायक मारहरा वीरेंद्र सिंह लोधी ने अखिल भारतीय लोधी महासभा द्वारा ग्राम सियपुर में आयोजित मेधावी सम्मान समारोह के दौरान व्यक्त किए।
आयकर डिप्टी कमिश्नर दिल्ली अमरपाल सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सांसद ब्रह्मानंद के चित्र पर पुष्पार्पण कर किया। उन्होंने संदेश दिया कि शिक्षा के माध्यम से ही भविष्य का निर्माण होता है। औपचारिक शिक्षा बच्चों के भविष्य का निर्माण नहीं कर सकती। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर बौद्धिक, तकनीकि शिक्षा और बेसिक तकनीकि शिक्षा पर ध्यान देने की अभिभावकों से अपील की। विधायक सदर विपिन वर्मा डेविड ने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ेगा जब समाज के बच्चे शिक्षित होकर राष्ट्र सेवा को समर्पित होंगे।
अंत में 138 मेधावी छात्र-छात्राओं को अभिनंदन पत्र और प्रतीक चिह्न भेंट किए गए। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष मा.शि. चयन बोर्ड के डा. सलिल वर्मा, महासभा के संगठन मंत्री पूरनसिंह पटेल, कार्यक्रम संयोजक प्रदीप कुमार वर्मा, प्रमोद लोधी, डा. मोरनसिंह, रामवकील वर्मा, अजय कुमार, मुनीश पीटीआई, मुकेशवर्मा, भारत वर्मा, चंद्रशेर शास्त्री, हरीशंकर शास्त्री, यतेंद्र सिंह, रवेंद्र वर्मा, कैलाश वर्मा, विनोद वर्मा, डा. मुकेश वर्मा, सुरेंद्र चंद्र तथा मेधावी क्षितिज राजपूत, योगेश राजपूत, रजनी वर्मा, अंशिका राजपूत, रोहित वर्मा आदि मौजूद थे।