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गूंज उठीं शहनाइयां, चहुंओर रही बैंडबाजा की धूम

घर-घर जागे देव मांगलिक कार्यों की शुरूआत संग मना देवोत्थान पर्व पहले ही दिन सहालग से विवाह स्थलों पर भी रौनक

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 05:12 AM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 05:12 AM (IST)
गूंज उठीं शहनाइयां, चहुंओर रही बैंडबाजा की धूम

जासं, एटा : कार्तिक शुक्ल एकादशी शुक्रवार को देवोत्थान पर्व परंपरागत ढंग से मनाया गया। पर्व को लेकर घरों में पूजा-अर्चना के साथ विधि-विधान से देवी-देवताओं का आह्वान कर उन्हें आमंत्रित किया गया। दूसरी ओर घरों में गन्ना, सिघाड़ा, शकरकंद द्वारा देवों की पूजा की गई। देव जागने के साथ ही चहुंओर शहनाइयों की गूंज और बैंडबाजों और बरातों से खुशियों का माहौल दिखा। देवोत्थान एकादशी पर्व की पहले से चल रही तैयारियों के मध्य जिले के कस्बाई क्षेत्र मारहरा, अलीगंज, जैथरा, अवागढ़, जलेसर, निधौली कलां आदि में भी खूब शहनाइयों की गूंज के साथ पूजा अर्चना के साथ घर-घर में देव जागे। गन्ना, सिघाड़ा, शकरकंद से पूजा अर्चना की गई। कई मंदिरों में तुलसी-सालिगराम का विवाह कार्यक्रम तथा भंडारा आयोजन भी हुआ। परिणय सूत्र में बंधे 250 से अधिक जोड़े

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देवोत्थान पर्व के साथ ही जहां शाम को घरों में पूजा अर्चना का माहौल था तो इस बीच गूंज उठी शहनाइयों के साथ ही जिले में 250 से भी अधिक वर-वधू परिणय सूत्र में बंधने की रस्म अदा करते दिखे। देर रात तक शादी समारोह की धूम मची रही और समारोह को लेकर सड़कों पर भीड़भाड़ भी। एटा शहर में ही 80 से अधिक विवाह समारोह दिखे। जहां दिनभर शादी समारोहों की तैयारियां विवाह स्थलों व अन्य स्थानों पर होती दिखीं तो शाम से ही बैंडबाजे वाले इधर उधर दौड़ने लगे। शाम होते ही जहां विवाह स्थल रोशनी से सराबोर और बैंडबाजों के साथ शहनाई और डीजे की धुनें भी सुनाई देने लगीं। पहले ही दिन शहर और कस्बाई क्षेत्रों में विवाह समारोह की धूम और बरातों से रात का सन्नाटा टूटता नजर आया। शाम से ही शुरू हो गया जाम

--शादी समारोहों की धूम को लेकर उमड़ी भीड़ के बीच दोपहर बाद से ही सहालगों का आगाज जाम के झाम के साथ दिखाई दिया। बैंडबाजे वालों के सड़कों पर दौड़ने और वाहनों का दबाव बढ़ जाने के बीच जीटी रोड ही नहीं बल्कि संपर्क मार्ग भी समस्या से प्रभावित दिखे। दूसरी ओर कस्बाई क्षेत्रों में भी भीड़भाड़ का नजारा सामने आया। देर शाम भी बरातें चढ़ने और वाहनों का दबाव बनने के कारण हर रोड पर ही जाम के हालात दिखाई दिए। हालांकि ट्रैफिक पुलिस जाम न लगने देने के लिए मुस्तैद रही, लेकिन वाहनों के अतिरेक से जाम कम न था। फिर पड़ गए वाहन कम

-देवोत्थान पर्व पर भी काफी शादी समारोह होने के कारण दोपहर से ही आने-जाने वाले यात्रियों की भीड़भाड़ शुरू हो गई। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया, यात्रियों को वाहनों का टोटा होता रहा। शाम को 4 से 6 बजे तक बस स्टैंड का यह हाल था कि किसी भी मार्ग पर बस के आते ही उसमें बैठने के लिए मारामारी मच जाती।


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