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लक्ष्य और न ही फरमान, मिट्टी जांच को किसान परेशान

कोरोना काल में मृदा परीक्षण अभियान पर रोक अभी तक बरकरार मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में सन्नाटा मशीनें फांक रही धूल

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 05:02 AM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 05:02 AM (IST)
लक्ष्य और न ही फरमान, मिट्टी जांच को किसान परेशान
लक्ष्य और न ही फरमान, मिट्टी जांच को किसान परेशान

जासं, एटा: दो साल होने को हैं, लेकिन मृदा परीक्षण अभियान को हरी झंडी नहीं मिली है। कोरोना संक्रमण के चलते मृदा परीक्षण अभियान को लेकर लगी रोक अभी तक बरकरार है। रवी की फसलों की बोवाई से पहले अभियान को लेकर कोई फरमान या फिर लक्ष्य नहीं आया है। प्रयोगशालाओं में सन्नाटा पसरा है। फिलहाल मृदा परीक्षण के मामले में किसानों को राहत का इंतजार है।

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कोरोना संक्रमण के कारण मार्च 2020 में किसानों की लाभकारी योजनाएं भी प्रभावित हुईं। हर साल पहले से ही मिट्टी जांच को लेकर अभियान शुरू हो जाता था। कृषि विभाग के कर्मचारी मिट्टी के नमूनों के लिए दौड़ते। वहीं मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में रौनक दिखाई देती थी। पूरे डेढ़ साल अभियान बंद रहा और अब भी असमंजस ही है। वर्ष 2018-19 तक अभियान अनवरत रहे, लेकिन 2019-20 में सिर्फ माडल गांव के लिए मृदा परीक्षण तय किया। दो साल से अभियान शासन स्तर पर ही उलझा हुआ है। मिट्टी की जांच कराने की मंशा रखे किसान परेशान हैं। मिट्टी जांच के लिए जागरूक करने के बाद अब योजना को ब्रेक लगा दिए जाने से खुद किसान असमंजस में है। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में सन्नाटा है। लाखों रुपये की मशीनें उपलब्ध होने के बावजूद भी जांच बंद है। तहसील की लैब को पहले ही बंद कराया जा चुका है। प्रयोगशालाकर्मियों को बिना काम के वेतन दिया जा रहा है। मृदा परीक्षण प्रयोगशाला प्रभारी गौरी शंकर ने बताया कि अभी तक मृदा परीक्षण के कोई निर्देश नहीं है। - पिछले सालों तक सरकार मिट्टी की जांच कराने के लिए जोर दे रही थी। अब एक साल बाद भी चाहते हुए भी किसानों को बताया जा रहा है अभियान बंद है। सरकार को नीतियों में फेरबदल कर किसानों को परेशान नहीं करना चाहिए।

विजय पाल - खरीफ की फसल कटना शुरू हो गई और रवीके लिए अभी तक सरकार की ओर से मिट्टी जांच की कोई व्यवस्था नहीं। मेलों पर तमाम खर्चा, लेकिन मिट्टी जांच अभियान बंद कर देने से तो किसानों का मजाक करना ही है।

मुकेश कुमार - मिट्टी की जांच कराने के बाद खेती करने से काफी लाभ समझ में आए। आखिर अब किसान मिट्टी की जांच कराने के लिए कहां जाएं। कर्मचारी बैठने की तनख्वाह ले रहे हैं। उनसे कुछ काम तो कराया जाए।

सुग्रीव सिंह - एक साल से तो यही कहा जा रहा था कि मिट्टी की जांच इस बार होगी। कोरोना के बाद सभी काम और सरकारी योजनाएं चल रही हैं। सरकार चुनाव की तैयारी कर रही है, लेकिन मिट्टी जांच से किसी को मतलब नहीं है, क्योंकि यह किसानों का मामला है। राहुल कुमार पिछले वर्ष में मृदा स्वास्थ्य कार्ड से लाभांवित किसान

-

वर्ष लाभांवित किसान

2015-16-28990

2016-17-69502

2017-18-58742

20118-19-45191

2019-20-2535

2020-21-शून्य

2021-22-अभी तक लक्ष्य नहीं


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