अविश्वास प्रस्ताव के मतदान पर सुप्रीम कोर्ट की रोक : फोटो
मारहरा ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मत
एटा, जागरण संवाददाता : मारहरा ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। ब्लॉक प्रमुख अनिल यादव के पक्ष में स्टे दे दिया। जिसके कारण अंतिम समय में प्रशासन को मतदान न कराने का फैसला लेना पड़ा। पुलिस प्रशासन ने इस मामले के निपटारे के लिए खासे सुरक्षा बंदोबस्त किए थे।
ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ बीडीसी सदस्य राजू आर्या ने 14 अक्टूबर को अपने समर्थकों की जिलाधिकारी सुखलाल भारती के समक्ष परेड कराकर उन्हें अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था। जिस पर मतदान की तिथि 12 नवंबर निर्धारित की गई थी, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त न होने का हवाला देकर तिथि 4 दिसंबर तय कर दी गई। मंगलवार शाम तक ब्लॉक प्रमुख पक्ष की ओर से कोई हलचल नहीं थी। इस कारण यह माना जा रहा था कि बुधवार को मतदान होगा, लेकिन एन वक्त पर ब्लॉक प्रमुख ने उपजिलाधिकारी सदर नंदलाल के समक्ष सुप्रीम कोर्ट से मिला स्थगनादेश पेश कर दिया। जिसमें विपक्षियों को नोटिस भेजकर चार सप्ताह में जवाब भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस आधार पर एसडीएम ने मतदान न कराने का फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश 2 दिसंबर को जारी किया था। इधर मतदान की तैयारियां धरी रह गईं। सुरक्षा के लिए एएसपी, दो सीओ, दो इंस्पेक्टर, मिरहची, कोतवाली देहात, रिजोर, पिलुआ, निधौली कलां, जैथरा, मारहरा, मलावन सहित दर्जनभर से अधिक थानों का फोर्स, डेढ़ सेक्शन पीएसी एटा व एक प्लाटून पीएसी अलीगढ़ तैनात की गई थी। अगली सुनवाई 6 जनवरी को
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स्थगनादेश के खिलाफ 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बीडीसी सदस्य गुड्डो देवी ने बताया कि सुनवाई के दौरान साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे और स्थगनादेश निरस्त किए जाने की अपील की जाएगी। प्रशासन को नहीं थी स्टे की जानकारी
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2 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगनादेश जारी हो गया, लेकिन इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं हो पाई। एसडीएम सदर ने बताया कि अगर पहले से पता होता तो इतना सुरक्षा ताम-झाम एकत्रित नहीं किया जाता और न ही ब्लॉक परिसर में बैरीकेडिग की जाती। चर्चा में नहीं पहुंचे दोनों पक्ष
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जब यह पता चल गया कि ब्लॉक प्रमुख को स्टे मिल चुका है तो बीडीसी सदस्य बुलाई गई बैठक में नहीं पहुंचे। दोनों पक्षों के समर्थक वहां नहीं थे। इससे पहले स्टे की कापी एसडीएम को ब्लॉक प्रमुख द्वारा दे दी गई थी।