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परीक्षा निपटने से पहले ही पर्यवेक्षक हुए गायब

एटा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। लेकिन परीक्षा निपटने से पहले पर्यवेक्षक ही गायब हो गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 11:05 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 11:05 PM (IST)
परीक्षा निपटने से पहले ही पर्यवेक्षक हुए गायब
परीक्षा निपटने से पहले ही पर्यवेक्षक हुए गायब

जागरण संवाददाता, एटा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। 28 अप्रैल को परीक्षाओं का समापन होने की स्थिति में महाविद्यालयों की भी रौनक कम होती जा रही है। उधर स्थिति यह है कि प्रशासन द्वारा नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक व मजिस्ट्रेट भी गायब होते जा रहे हैं। इसके अलावा जैसे-जैसे परीक्षाएं निपटती जा रही हैं, उसी क्रम में निपटने वाले विद्यार्थी भी राहत महसूस करने लगे हैं।

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गुरुवार सुबह की पाली में बीए फाइनल की अंग्रेजी लिटरेचर, द्वितीय पाली में एमए फाइनल राजनीति शास्त्र और शाम की पाली में एमए पूर्वाद्ध की अंग्रेजी व ¨हदी की परीक्षाएं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुईं। पिछले महीने शांतिपूर्ण व नकलविहीन परीक्षाएं कराने के लिए प्रशासन ने जहां निगरानी के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए। वही प्रश्नपत्र खोलने व कॉपियां सील कराने की जिम्मेदारी भी मजिस्ट्रेटों को दी। अब स्थिति यह है कि परीक्षाओं के शांतिपूर्ण निपटने की स्थिति में मजिस्ट्रेट भी केंद्रों पर पहुंचकर अपनी ड्यूटी नहीं निभा रहे। वहीं पर्यवेक्षक भी कई तरह के बहाने कर गायब हो गए हैं। इस तरह महाविद्यालय प्रशासन पर ही परीक्षाओं का दारोमदार बना हुआ है। लगातार डेढ़ महीने से परीक्षाओं में जुटा स्टाफ भी परीक्षाएं संपन्न होने का इंतजार कर रहा है। स्थिति यह है कि परीक्षा दे चुके विद्यार्थी अब सुकून महसूस कर रहे हैं। इनमें अभी भी सैकड़ों ऐसे हैं, जोकि आगे की शिक्षा को लेकर भी विचार करने में जुट गए हैं। स्नातक व स्नातकोत्तर फाइनल के परीक्षार्थी आगे की प्ला¨नग कर रहे हैं।

परीक्षकों को लेकर अभी भी असमंजस

अभी भी स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की तमाम प्रयोगात्मक परीक्षाएं संपन्न नहीं हुई हैं। ऐसी स्थिति में नोडल केंद्रों पर महाविद्यालयों से परीक्षाएं कराने के लिए विश्वविद्यालय के नाम तमाम प्रार्थनापत्र आ रहे हैं। जिन्हें अग्रसारित तो किया जा रहा है, लेकिन परीक्षकों की उपस्थिति पर असमंजस बरकरार बना हुआ है।


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