Move to Jagran APP

झोलाछाप के इलाज से बालक की मौत

एटा जासं। कोतवाली नगर के गांव शिवसिंहपुर में झोलाछाप के क्लीनिक पर 10 वर्षीय बालक की मौत हो गई। उसे बीती रात पेट दर्द की शिकायत पर भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप के गलत इलाज से भगवान सिंह की जान गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 06:26 AM (IST)
झोलाछाप के इलाज से बालक की मौत

एटा, जासं। कोतवाली नगर के गांव शिवसिंहपुर में झोलाछाप के क्लीनिक पर 10 वर्षीय बालक की मौत हो गई। उसे बीती रात पेट दर्द की शिकायत पर भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप के गलत इलाज से भगवान सिंह की जान गई है।

loksabha election banner

गांव नगला बनवारी में रहने वाले महीपाल के पुत्र भगवान सिंह को गुरुवार रात पेट में दर्द की समस्या हुई। पहले तो परिजन सही होने का इंतजार करते रहे। लेकिन सही होने के बजाए दर्द और बढ़ गया। इस पर परिजन उसे नजदीकी गांव शिवसिंहपुर में चलने वाले एक अवैध क्लीनिक पर ले गए। यहां झोलाछाप जितेंद्र ने भगवान सिंह को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। रात भर में उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। सुबह के समय झोलाछाप ने उसको दो इंजेक्शन लगा दिए। इसके बाद अचानक से भगवान सिंह की हालत और ज्यादा बिगड़ने लगी और वह बेहोशी की हालत में पहुंच गया। बदहवाश परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। लेकिन परिजनों ने नब्ज देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के बड़े भाई अवनीश ने बताया कि झोलाछाप ने सुबह दर्द के दो इंजेक्शन लगाए थे, कहा कि इससे आराम मिलेगा। लेकिन उन इंजेक्शनों से मेरे भाई की जान ही चली गई। घटना के बाद झोलाछाप दुकान बंद कर गायब हो गया। उधर, परिजनों ने भी कार्रवाई के लिए कहीं कोई सूचना नहीं दी। भाई का शव हाथों में ले भटकता रहा अवनीश------

एक ओर भाई की मौत का दुख, तो दूसरी ओर सरकारी अव्यवस्थाओं का भार। जिसके तले अवनीश दबा हुआ नजर आ रहा था। जिस भाई के साथ कल तक खेला-पढ़ा, आज वह निढाल उसकी ही बाहों में पड़ा था। जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं इतनी नाकारा कि स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं कराया गया। कहने को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तत्पर स्वास्थ्यकर्मी जैसे इंसानियत ही भूल चुके थे। खड़े देख रहे थे, लेकिन उनके लिए कोई किसी की जिदगी-मौत खास मायने नहीं रखती थी। परिजनों को दिलासा देना तो दूर की बात, किसी ने यह भी नहीं पूछा कि शव को किस तरह लेकर जाओगे। मां तो रो-रोकर बेहाल ही थी। ऐसे में कलेजा कड़ा कर अवनीश ने भाई के शव को हाथों में उठा लिया और अस्पताल से बाहर सड़क तक ले आया। जहां से ऑटो रिक्शा पकड़ वो गांव के लिए चले गए। अस्पताल में कई एंबुलेंस और शव वाहन भी खड़े थे, लेकिन उन्हें परिजनों द्वारा झोली फैलाने का इंतजार था।

वर्जन

------

मामला गंभीर है, इसमें जांच की जाएगी और आरोपी झोलाछाप के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिला अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर भी जांच कराई जाएगी।

- डॉ. महाराज सिंह, एसीएमओ व नोडल अधिकारी झोलाछाप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.