हत्या कर 33 साल तक पुलिस को चकमा देता रहा रिटायर्ड फौजी
कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे हैं। पुलिस ने एक ऐसे हत्यारोपित
एटा, जागरण संवाददाता : कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे हैं। पुलिस ने एक ऐसे हत्यारोपित को ढूंढ़ निकाला जो 33 साल से फरार चल रहा था। वह अब तक निरंतर पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा, लेकिन हाल ही में रंगदारी मांगने के मामले में फंस गया। उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई, पुलिस उस तक पहुंच गई और गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद जब पुलिस को पता चला कि इसी आरोपित ने पूर्व में दामाद और ससुर की भी हत्या की थी, जिसमें आज तक फरार है तो उसके होश उड़ गए।
थाना राजा का रामपुर के गांव सिमरई निवासी हत्यारोपित 76 वर्षीय श्रीपाल रिटायर्ड फौजी है। वर्ष 1983 में वह सेना से रिटायर हो गया। इसके बाद अपने गांव आ गया। उसकी रंजिश अपने पड़ोसी साहब सिंह से चल रही थी। जिसके चलते उसने साहब सिंह के दामाद गांव बाग का नगला थाना मोहम्मदाबाद जनपद फर्रुखाबाद निवासी श्यामपाल की 13 जून 1984 को हत्या कर दी। इस मामले की रिपोर्ट मृतक के ससुर साहब सिंह ने दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने फौजी को जेल भेज दिया। उसने पत्नी की बीमारी का बहाना करके किसी तरह पैरोल हासिल कर ली और बाहर आ गया। फिर वापस जेल नहीं गया और 21 दिसंबर 1984 को साहब सिंह की भी हत्या कर दी तथा फरार हो गया। आरोपित अपने गांव से भागने के बाद दिल्ली के नजबगढ़ में रहने लगा। पुलिस उसे ढूंढ़ती रही, मगर कहीं भी पता नहीं चला। बताया गया है कि हत्यारोपित फौजी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता रहा।
7 सितंबर 2019 को फौजी अपने गांव आया था। तभी उसने गांव के ही सुग्रीव सिंह से 25 हजार रुपये की रंगदारी मांगी, जिस पर एफआइआर भी दर्ज करा दी गई। इंस्पेक्टर राजा का रामपुर रामअवतार सिंह ने एक सटीक सूचना के आधार पर एटा शहर के पीपल अड्डा से उसे गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी सुनील कुमार ने प्रेस कॉफ्रेंस में बताया कि दामाद की हत्या के मामले में चार आरोपित और थे जिन्हें न्यायालय ने बरी कर दिया था। जबकि साहब सिंह की हत्या में तीन अन्य आरोपित भी थे। श्रीपाल के घर की कुर्की भी हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि हत्यारोपित श्रीपाल बेहद शातिर है, उसे जेल भेजा गया है।