निष्ठा के संग शैक्षिक उन्नयन का दिलाया गया संकल्प
शैक्षिक उन्नयन व बच्चों में लर्निंग आउटकम में वृद्धि के लिए चार विकास खंडों में चल रहे निष्ठा प्रशिक्षण के प्रथम बैच का बुधवार को समापन हो गया। समापन के मौके पर शिक्षाधिकारियों ने सेवारत शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण के अनुभवों और ज्ञान के जरिए शैक्षिक उन्नयन का संकल्प दिलाते हुए प्रेरक स्कूल और फिर प्रेरक ब्लॉक बनाने में सहभागिता का आह्वान किया गया।
एटा, जागरण संवाददाता: शैक्षिक उन्नयन व बच्चों में लर्निंग आउटकम में वृद्धि के लिए चार विकास खंडों में चल रहे निष्ठा प्रशिक्षण के प्रथम बैच का बुधवार को समापन हो गया। इस मौके पर शिक्षाधिकारियों ने सेवारत शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण के अनुभवों और ज्ञान के जरिए शैक्षिक उन्नयन का संकल्प दिलाते हुए प्रेरक स्कूल और फिर प्रेरक ब्लॉक बनाने में सहभागिता का आह्वान किया।
प्रथम प्रशिक्षण बैच का जैथरा, शीतलपुर, सकीट तथा मारहरा में समापन हुआ। जैथरा ब्लॉक संसाधन केंद्र पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम दिन जहां केआरपी द्वारा पंचम दिवस का प्रशिक्षण पूर्ण किया गया। वहीं प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण का ऑनलाइन फीडबैक देते हुए ऑनलाइन परीक्षा भी दी। समापन पर खंड शिक्षाधिकारी एसपी सिंह ने कहा कि यह प्रशिक्षण पूरे देश में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा कराया जा रहा है। जिसका उद्देश्य स्कूल स्तर पर हर बच्चे में शिक्षा का स्तर बढ़ाना और लर्निंग आउटकम प्रेरणा तालिका, प्रेरणा सूची के अनुरूप बनाना है। सभी शिक्षक निष्ठा पूर्वक दायित्व निर्वहन करेंगे तो निश्चित ब्लॉक का हर स्कूल, प्रेरक और ब्लॉक भी प्रेरक ब्लॉक बनेगा। स्टेट रिसोर्स पर्सन विपिन शाक्य ने कहा कि शिक्षकों से उम्मीद है कि भारत को विश्व गुरु के दर्ज को मेहनत कर बरकरार रखेंगे। एसआरजी मुकेश यादव ने प्रशिक्षण के उद्देश्य के अनुरूप परिणाम की अपेक्षा जताई। प्रशिक्षक अशोक पाल सिंह, ममता शर्मा ने बच्चों के शिक्षा स्तर में वृद्धि के साथ उन्हें संस्कारित बनाने की बात कही। इस दौरान जिला समन्वयक संजय मिश्रा, ईएमआइएस प्रभारी राजीव यादव, प्रशिक्षक संतोष श्रीवास्तव, देवेश द्विवेदी, वारिज सिंह राठौर, विवेक सिंह, वीरपाल सिंह, मनोज शाक्य आदि मौजूद थे।
इसी क्रम में सकीट ब्लॉक का भी पहला निष्ठा प्रशिक्षण बैच का समापन खंड शिक्षाधिकारी भारती शाक्य की मौजूदगी में हुआ। उन्होंने भी प्रशिक्षणार्थियों को शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करने को प्रोत्साहित किया।