नहीं दे रहे जांच रिपोर्ट, जिला अस्पताल में भर्ती को बना रहे दबाव
कसैटी में डेंगू के 12 मरीज मिले अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश लोगों ने भर्ती होने से किया इन्कार
एटा: एक ओर बुखार का प्रकोप और दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की मनमानी। इसके बीच फंसकर लोग परेशान हैं। जिन लोगों को डेंगू बताया जा रहा है, उन्हें जांच रिपोर्ट तक नहीं मिल रही। इसके विपरीत जिला अस्पताल में भर्ती होने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश लोग वहां भर्ती नहीं होना चाहते।
शीतलपुर ब्लाक के गांव कसैटी में बुखार के चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। दो सैकड़ा लोग बीमार हैं। कई गंभीर मरीजों का इलाज आगरा चल रहा है। महीने भर में 13 लोगों की मौत हो चुकी है। मेडिकल टीम लगातार शिविर लगा रही हैं। इस दरम्यान भी हर रोज डेंगू के नए मरीज निकल रहे हैं। बुधवार को यहां सीएमओ डा. अजय अग्रवाल ने भी पहुंचकर जायजा लिया। शिविर में 92 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 12 लोगों को रैपिड कार्ड जांच में डेंगू पाया गया। इसके बाद चिकित्सकों ने एंबुलेंस बुलाकर सभी को जिला अस्पताल भेजने की तैयारी कर दी। इस पर लोग तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि अस्पताल में इलाज के इंतजाम ही नहीं हैं। वहां भर्ती होने में जान का खतरा है। गांव के फूल सिंह की पत्नी शारदा देवी और पुत्र आशीष को भी डेंगू की पुष्टि हुई। उन्हें अस्पताल ले जाने से फूल सिंह ने साफ मना कर दिया। अलीगढ़ में इलाज कराने की बात कहकर जब उसने रिपोर्ट मांगी तो टीम ने रिपोर्ट देने से इन्कार कर दिया। बागवाला के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. मनोज कुमार ने बताया कि बुधवार को कसैटी में 12 और असरौली में एक व्यक्ति को रैपिड कार्ड से डेंगू निकला है। इसकी रिपोर्ट नहीं बनती है। एलाइजा टेस्ट के बाद ही रिपोर्ट तैयार की जाती है। लोगों को बेहतर इलाज मिले, इसलिए उन्हें जिला अस्पताल भेजा जाता है। वहां की शिकायत पर सीएमओ ने जिला अस्पताल के सीएमएस से बात कर व्यवस्थाएं सही करने को कहा है।