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फिर ढीली होंगीं आलू किसानों की जेबें

एटा जासं। अगले महीने से ही आलू का भंडारण शुरू होने की उम्मीद है। इस सीजन में शीतगृह संचालकों ने भंडारण शुल्क बढ़ाने की तैयारी की है। पिछले साल 220 रुपये प्रति कुंतल भंडारण शुल्क तय किया गया था। इस बार 20 रुपये कुंतल और इजाफा किया गया है। आलू की फसल पिछैती रहने के कारण अभी बड़े किसानों ने मौसम को देखते हुए खोदाई भी शुरू नहीं कराई। माना जा रहा है कि एक सप्ताह बाद खोदाई मौसम सही रहा तो तेज हो जाएगी और मार्च के दूसरे पखवाड़े तक आलू भंडारण के लिए शीतगृहों में पहुंचने लगेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 11:21 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 11:21 PM (IST)
फिर ढीली होंगीं आलू किसानों की जेबें

एटा, जासं। अगले महीने से ही आलू का भंडारण शुरू होने की उम्मीद है। इस सीजन में शीतगृह संचालकों ने भंडारण शुल्क बढ़ाने की तैयारी की है। पिछले साल 220 रुपये प्रति कुंतल भंडारण शुल्क तय किया गया था। इस बार 20 रुपये कुंतल और इजाफा किया गया है।

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आलू की फसल पिछैती रहने के कारण अभी बड़े किसानों ने मौसम को देखते हुए खोदाई भी शुरू नहीं कराई। माना जा रहा है कि एक सप्ताह बाद खोदाई मौसम सही रहा तो तेज हो जाएगी और मार्च के दूसरे पखवाड़े तक आलू भंडारण के लिए शीतगृहों में पहुंचने लगेगा।

भंडारण से पहले शीतगृह संचालकों ने अपनी बैठक करने के बाद विभाग को भंडारण शुल्क तय कर अवगत कराया है। पिछले सीजन में 220 रुपये प्रति कुंतल रहे भंडारण शुल्क को अब 230 रुपये किया गया है। शीतगृह संचालकों का कहना है कि बिजली खर्चे और लेबर की व्यवस्थाओं में खर्चा बढ़ा है। इसी वजह से मामूली सी वृद्धि की गई है। शीतगृह संचालक हिमांशु गर्ग कहते हैं कि पूरा प्रयास रहा है कि किसानों पर ज्यादा बोझ न बड़े। फिर हालातों के अनुरूप राहत दी जा सकेगी। उधर आलू कृषक शशिकांत कहते हैं कि हर बार भंडारण शुल्क में वृद्धि होती है। सरकार को शुल्क पर सब्सिडी देनी चाहिए।


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