पराली संग जागरूकता अभियान भी धुआं
प्रदूषण रोकने के लिए किसानों को पराली जलाने के प्रति जागरूक किया गया। इस अभियान पर लाखों रुपये फूंके गए। इसके बाद भी नतीजा सिफर ही रहा। किसान जमकर पराली जला रहे हैं वहीं अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे। पिछले वर्षों से सीख लेते हुए अक्टूबर से ही शासन ने जागरूकता अभियान चलाया। पहली बार कृषि विभाग को पराली जलाने विषय चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित कराने के साथ ही जागरूकता कार्यक्रमों के लिए लाखों रुपये का बजट दिया।
जागरण संवाददाता, एटा: प्रदूषण रोकने के लिए किसानों को पराली जलाने के प्रति जागरूक किया गया। इस अभियान पर लाखों रुपये फूंके गए। इसके बाद भी नतीजा सिफर ही रहा। किसान जमकर पराली जला रहे हैं वहीं अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे।
पिछले वर्षों से सीख लेते हुए अक्टूबर से ही शासन ने जागरूकता अभियान चलाया। पहली बार कृषि विभाग को पराली जलाने विषय चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित कराने के साथ ही जागरूकता कार्यक्रमों के लिए लाखों रुपये का बजट दिया। एक लाख रुपये के इनाम बच्चों को प्रोत्साहित करने और उनकी कार्यक्रम में भागेदारी पर ही खर्च हुए। कृषि विज्ञान केंद्र को भी जागरूकता की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए चरणबद्ध कार्ययोजना के तहत प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम हुए। पराली निस्तारण करने में मददगार पांच लाख रुपये से ज्यादा के कृषि यंत्र प्रदर्शन के लिए उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा तीन चरण में जागरूकता प्रशिक्षण के लिए अलग बजट दिया गया।
धान की कटाई-मड़ाई तेज होते ही पराली जलने के साथ पूरा अभियान धुआं होता दिखा। पिछले सप्ताह सीडीओ की चेतावनी पर आधा दर्जन किसानों को चिह्नित किया तो किसानों पर कुछ दिन खौफ रहा। दीपोत्सव के बाद पूरे जिले में बड़े पैमाने पर पराली जलाने के नजारे देखे जा सकते हैं। जुर्माने और कार्रवाई न होने से भी किसानों का हौसला बढ़ा है। कृषि विभाग को सख्ती बरतने को पहले ही कहा गया है। त्योहार की वजह से निगरानी प्रभावित हुई पर अब पराली जलाने वाले चिह्नित कराकर कार्रवाई होगी।
उग्रसेन पांडेय, सीडीओ, एटा