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पेट्रोल डीजल गैस को लाया जाए जीएसटी के दायरे में

एटा जासं। जब तेल कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के चलते दामों में कमी कर रहीं है तो ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा वैट लगाकर उसके दामों को बढ़ाया जाना किसानों का शोषण करना है जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता। यह कहना है भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के पदाधिकारियों का। वे बुधवार को कलक्ट्रेट धरना स्थल पर मासिक पंचायत में बोल रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 12:04 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 06:25 AM (IST)
पेट्रोल डीजल गैस को लाया जाए जीएसटी के दायरे में
पेट्रोल डीजल गैस को लाया जाए जीएसटी के दायरे में

एटा, जासं। जब तेल कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के चलते दामों में कमी कर रहीं है तो ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा वैट लगाकर उसके दामों को बढ़ाया जाना किसानों का शोषण करना है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता। यह कहना है भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के पदाधिकारियों का। वे बुधवार को कलक्ट्रेट धरना स्थल पर मासिक पंचायत में बोल रहे थे।

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पंचायत की अध्यक्षता कर रहे हरदयाल सिंह ने कहा कि पेट्रोल और डीजल किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। ऐसे में उनके दामों को बढ़ाने से पहले समाज में हर स्तर पर पिछड़ रहे किसानों को देखा जाना चाहिए, ताकि किसी भी स्तर पर उनके साथ अन्याय न हो सके। पेट्रोल डीजल और गैस को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। पंचायत में संचालक अनूप सिंह ने सरकारी समितियों पर यूरिया खाद के न मिलने और प्राइवेट दुकानों पर मंहगे दामों पर बेचे जाने की समस्या पर लोगों का ध्यान दिलाया। पंचायत में किसानों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र सिंह यादव ने समस्या निदान को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस मौके पर कंठश्री, ब्रहमदत्त, रघुवीर सिंह, तालेबर बौद्ध, हाकिम सिंह, रामगोपाल, देवेंद्र सिंह, रामनाथ सिंह, बहोरी सिंह, रामवीर सिंह, महावीर सिंह, अशोक कुमार, ठाकुरदास, मलखान सिंह आदि किसान मौजूद थे।


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