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डेंगू के डंक से जिले में दहशत, इलाज के नहीं हैं इंतजाम

एटा जासं। जिले में इस बार डेंगू का प्रहार काफी जोरदार हुआ है। गांव से लेकर शहर तक हर ओर डेंगू के मरीज नजर आ रहे हैं। चिकित्सकों के यहां बैड कम पड़ गए हैं। लगातार नए मरीज मिलते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव जिला मुख्यालय पर है। आधा दर्जन मुहल्लों में तमाम लोग बीमार बने हुए हैं। दिनेश नगर लालपुर एमपी नगर परशुराम नगर निधौली कलां रोड सुनहरी नगर शांति नगर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। दरअसल हर साल सर्दियां शुरू होने से पहले डेंगू चिकनगुनिया का हमला होता है। यह बात पहले से सभी को पता थी। इसके बावजूद बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। करोड़ों रुपये के बजट वाला स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम ही हवा में उड़ा दिया गया। चोक नालियां जलभराव गंदगी मच्छरों और बीमारियों को न्यौता देते रहे। जबकि फॉगिग और मच्छर रोधी दवाओं के छिड़काव के नाम पर फाइलों में ही काम हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 10:39 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 06:18 AM (IST)
डेंगू के डंक से जिले में दहशत, इलाज के नहीं हैं इंतजाम
डेंगू के डंक से जिले में दहशत, इलाज के नहीं हैं इंतजाम

एटा, जासं। जिले में इस बार डेंगू का प्रहार काफी जोरदार हुआ है। गांव से लेकर शहर तक हर ओर डेंगू के मरीज नजर आ रहे हैं। चिकित्सकों के यहां बैड कम पड़ गए हैं। लगातार नए मरीज मिलते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव जिला मुख्यालय पर है। आधा दर्जन मुहल्लों में तमाम लोग बीमार बने हुए हैं। दिनेश नगर, लालपुर, एमपी नगर, परशुराम नगर, निधौली कलां रोड, सुनहरी नगर, शांति नगर में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। दरअसल, हर साल सर्दियां शुरू होने से पहले डेंगू, चिकनगुनिया का हमला होता है। यह बात पहले से सभी को पता थी। इसके बावजूद बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। करोड़ों रुपये के बजट वाला स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम ही हवा में उड़ा दिया गया। चोक नालियां, जलभराव, गंदगी मच्छरों और बीमारियों को न्यौता देते रहे। जबकि फॉगिग और मच्छर रोधी दवाओं के छिड़काव के नाम पर फाइलों में ही काम हुआ।

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पांच लोगों की हो चुकी मौत

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डेंगू से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। सकीट में शिवप्रताप, शहर के शांति नगर में देवयानी, एमपी नगर में रूबी पालीवाल और जैथरा ब्लॉक के गांव रूपधनी में दो लोगों की मौत आगरा में इलाज के दौरान हो चुकी है। सभी को वहां डेंगू बताया गया था।

मरीज को डेंगू, रिपोर्ट लापता

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मोटे तौर पर अभी तक पांच सैकड़ा से अधिक लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। जिला अस्पताल में 45 लोगों को एनएस-1 और इनमें से तीन को कन्फर्म डेंगू घोषित किया गया है। अन्य सभी मामले निजी चिकित्सकों के यहां के हैं। जहां मरीजों को तो डेंगू बताया जाता है, लेकिन इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं भेजी जाती। जो संदेह पैदा करती है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लगाया कैंप

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स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को शहर के एमपी नगर और परशुराम नगर में कैंप लगाया। यहां 230 मरीजों का परीक्षण कर दवाएं दी गईं। इनमें से 20 की डेंगू जांच की गई, कोई पॉजिटिव नहीं आई। 50 लोगों की मलेरिया जांच में तीन को पॉजिटिव पाया गया।

वर्जन

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तीन साल के समय चक्र में डेंगू के मामले बढ़ते हैं। जिसके चलते इस बार यह बीमारी फैलने की संभावना अधिक है। डेंगू के संदिग्ध मामले लगातार मिल रहे हैं, हालांकि तीन केस में ही पुष्टि हुई है। डेंगू से किसी मौत की पुष्टि नहीं है।

- डॉ. अजय अग्रवाल, सीएमओ


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