विकास कार्याें के आडिट को दस्तावेज नहीं दे रहीं पंचायतें
वर्ष 2018 और 2019 में कराए गए विकास कायरें का लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाना है आडिट
जासं, एटा: प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। ऐसे में पंचायतों में हुए विकास कार्य का आडिट किया जाना है। इसके लिए सभी पंचायतों को विकास कार्य संबंधित दस्तावेज आडिट टीम को मुहैया कराने के लिए कहा गया है। बावजूद इसके सचिव और प्रधान कागजात नहीं दे रहे हैं।
वर्ष 2018 और 2019 में कराए गए विकास कार्यों का लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियों के माध्यम से आडिट किया जाना है, ताकि पता लग सके कि ग्राम पंचायत में किस तरह से विकास कार्यों को कराया गया है। प्रधान अपनी पोल न खुलने को लेकर इस प्रक्रिया से भाग रहे हैं। इसे लेकर दो और तीन साल गुजर जाने के बाद भी पंचायतों का आडिट नहीं करा रहे हैं। प्रक्रिया पूरी कराने के लिए दस्तावेज जमा करने के लिए पंचायतों को डीपीआरओ कार्यालय से सचिव और प्रधानों को पत्राचार भी किया जा चुका है। आडिट के लिए 66 ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया था। इसमें से सात ऐसी पंचायतें हैं, जिन्होंने कागजात उपलब्ध नहीं कराए हैं। इनमें अलीगंज ब्लाक की कंचनपुर आसे टू, बिलसट पटटी, कछियावाद और जलेसर की अकबरपुर सांथा, बहादुरपुर कासिमपुर, जैनपुरा, मोहबत्तपुर पंचायतें शामिल हैं। कुछ ग्राम पंचायतों ने 2017 में भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं कराई है।
जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने कहा कि यदि पंचायतें आडिट के लिए शीघ्र दस्तावेज टीम को मुहैया नहीं कराती हैं तो उनके खिलाफ रिकवरी कराने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।