नौ नगर निकायों पर महज दो अधिशासी अधिकारी
जागरण संवाददाता, एटा: स्थानीय नगर निकायों की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा रही है।
जागरण संवाददाता, एटा: स्थानीय नगर निकायों की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा रही है। चार नगर पालिका और पांच नगर पंचायतों में कुल नौ ईओ होने चाहिए, लेकिन तैनाती महज दो की है जिसके चलते विभिन्न कामकाज व व्यवस्थाओं में दिक्कतें आ रही हैं।
नगरीय क्षेत्रों में विकास कार्यों और विभिन्न बुनियादी सुविधाओं की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय नगर निकायों की होती है, जिसके लिए चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी मिलकर प्रयास करते हैं। लेकिन लंबे समय से जिले में अधिशासी अधिकारियों का टोटा बना हुआ है। जिले में कुल नौ नगर निकाय हैं, जिनमें वर्षों से पूरे ईओ नहीं हो पाए हैं। पिछले महीने तक जिले में तीन ईओ थे। महीने भर पहले मारहरा की ईओ अमिता वरुण का स्थानांतरण हो गया। इसके बाद महज दो ईओ बचे हैं। ईओ लोकेंद्र ¨सह को जलेसर और एटा नगर पालिका, ईओ अनिल कुमार भास्कर को जैथरा, राजा का रामपुर और सकीट नगर पंचायत का चार्ज दिया गया है। अन्य निकायों में संतुलन बनाने के लिए अलीगंज एसडीएम शिव ¨सह को नगर पालिका अलीगंज, एसडीएम जलेसर रामशंकर को नगर पंचायत अवागढ़ और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र ¨सह तंवर को नगर पंचायत निधौली कलां का चार्ज दे दिया गया है। मारहरा नगर पालिका ईओ विहीन बनी हुई है। नियमित ईओ न मिलने के कारण जहां दो ईओ किसी भी निकाय को पूरा समय नहीं दे पाते। तो प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तो निकायों के लिए समय निकालना और मुश्किल है। ऐसे में नगर पालिका और नगर पंचायतों में तमाम काम उलझे हुए हैं। नगरीय क्षेत्रों के विकास व अन्य कार्यों में समस्या आ रही है। एडीएम प्रशासन धर्मेंद्र ¨सह ने बताया कि ईओ की काफी कमी है। इस संबंध में शासन को जानकारी दी गई है। पर्याप्त ईओ मिलें तो नगर निकायों का कामकाज निश्चित रूप से बेहतर हो सकेगा।