सीवर लाइन के काम में गड़बड़ी, पालिका ने ही उठाया सवाल
एटा: तमाम सवालों-शिकायतों के बीच शहर में चल रहे सीवर लाइन कार्य पर अब नगर पालिका ने भ
एटा: तमाम सवालों-शिकायतों के बीच शहर में चल रहे सीवर लाइन कार्य पर अब नगर पालिका ने भी उंगली उठा दी है। जल निगम और संबंधित ठेकेदारों को कठघरे में खड़ा किया गया है। उन पर कार्य कराने के तरीके और गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए हैं तो खोदाई में निकली मिट्टी को भी अवैध रूप से बेचे जाने के आरोप लगाए हैं।
अमृत योजना के तहत जल निगम द्वारा शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के अंतर्गत भूमिगत पाइप लाइन डलवाई जा रही है। यह पाइप लाइन कुल मिलाकर 120 किमी की पड़नी है। मुख्य सड़कों से लेकर गली-मुहल्लों तक काम होना है। आधे शहर में काम चल भी रहा है। जहां अधिकांश स्थानों से गड़बड़ी को लेकर लोग शिकायतें कर रहे हैं। हालांकि ठेकेदार, निगम और अधिकारी इन शिकायतों को निराधार बता दरकिनार करते रहे हैं। लेकिन अब नगरपालिका ने भी अनियमितताएं बरते जाने के आरोप लगाए हैं। एक ओर जहां शहर में पेयजल पाइप लाइन और नालियों को कई जगह तोड़े जाने और गली-मुहल्लों में मार्ग खोदकर डाल देने की शिकायत की है तो सीवर लाइन बिछाते समय सट¨रग न लगाने और नीचे कंकरीट लेयर न डालने की बात कही है। जिससे सीवर लाइन की गुणवत्ता प्रभावित होगी। इसके अलावा खोदाई में निकली मिट्टी को चोरी-छिपे बेचने के आरोप ठेकेदार पर लगाए हैं। इस संबंध में कार्रवाई करने और देखरेख के लिए किसी अधिकारी को नामित करने के लिए नगर पालिका ने जिलाधिकारी आइपी पांडेय को पत्र भेजा है।
ये हैं आरोप
- पानी की कई पाइप लाइन तोड़ीं
- गलियों-सड़कों को खोदकर छोड़ा
- कई नालियां बंद कर दीं
- खोदाई कर गुप्त तरीके से मिट्टी बेची
- सीवर लाइन में सट¨रग नहीं लगाई
- कंकरीट की लेयर नहीं डाली वर्जन
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जो नियम और मानक निर्धारित हैं, उनसे हटकर सीवर लाइन का काम किया जा रहा है। इससे नगर को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही निम्न गुणवत्ता के चलते पाइप लाइन का भविष्य भी संशय में रहेगा।
- मीरा गांधी, पालिकाध्यक्ष एटा