छत बनी नहीं, खिसकी 'आशा' की जमीन
एटा। छत नहीं बनी और अभियान की जमीन खिसक गई। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी चक्कर काट रहे हैं। उन्हें तीसरी किस्त अभी तक नहीं मिली है।
केस 1: शहर के संजय नगर में संजू किराए के कमरे में रहती हैं। पति की मृत्यु कई वर्ष पहले हो गई। तभी से फड़ लगाकर कपड़े बेचती हैं। श्याम नगर में एक छोटा सा प्लॉट था। पीएम आवास योजना में एक किस्त का पैसा मिला, लेकिन दूसरी किस्त न मिलने से काम रुका पड़ा है।
केस 2: एक निजी चिकित्सक के यहां छोटी सी नौकरी करने वाले बलराम ¨सह अंबेडकर नगर में वर्षों से किराए पर रह रहे हैं। कुछ पैसा जोड़कर प्लॉट ले लिया था। पीएम आवास योजना में नाम आ गया, पहली किस्त भी मिल गई। उन्हें भी काम कराने के लिए दूसरी किस्त का इंतजार है।
जागरण संवाददाता, एटा: यह कहानी सिर्फ इन दो परिवारों की नहीं, बल्कि सैकड़ों लोगों की है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी परेशान हैं। उनके मकान अधूरे हैं, किसी की छत नहीं पटी तो किसी के खिड़की-दरवाजे नहीं लग पा रहे हैं। इन कार्यो को पूरा कराने के लिए लाभार्थियों को दूसरी और तीसरी किस्त नहीं दी जा रहीं हैं।
नगर क्षेत्र की पीएम आवास योजना को लेकर लाभार्थियों में काफी उत्साह और खुशी थी। पैसा मिलने के साथ ही खुशी बढ़ती गई। उनके सपनों का घर धीरे-धीरे तैयार जो होने लगा था। जब छत की बारी आई तो सरकार ने बेरुखी दिखाना शुरू कर दिया। योजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में आनलाइन आवेदन कराए गए थे। मई 2017 तक 4655 आवेदन किए गए। जांच आदि के बाद इनमें से 3242 पात्र बचे। जियो टै¨गग के बाद पहली किस्त मिली तो लोगों ने दीवारें उठवा लीं। किसी को दूसरी किस्त मिल गई तो पटान करा लिया। लेकिन तमाम लोगों को दूसरी किस्त नहीं मिली और छत नहीं पड़ पाई। जबकि तीसरी किस्त न मिलने पर पात्र खिड़की-दरवाजे, रंग-रोगन के लिए पिछले तीन महीने से सरकार का मुंह ताक रहे हैं।
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योजना में दूसरी और तीसरी किस्त को लेकर पूरे प्रदेश में लगभग एक जैसी स्थिति है। शासन स्तर से लाभार्थियों का पूरा डाटा सत्यापित किया जा रहा है। उम्मीद है कि फरवरी में पैसा भेज दिया जाएगा। इसे लाभार्थियों के खातों में पहुंचाकर निर्माण पूरा कराया जाएगा।
- सुभाषवीर ¨सह, पीओ डूडा