जाम से निजात को नो एंट्री फॉर्मूला
एटा: शहर में प्रतिदिन लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए प्रशासन का नया नो ए्रंट्री का नया फार्मूला अपनाया है।
जागरण संवाददाता, एटा: शहर में प्रतिदिन लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए प्रशासन का नया फार्मूला काम कर गया। एक सप्ताह पूर्व से ऐसे भारी वाहनों के शहर में दाखिल होने पर पाबंदी लगा दी गई है, जो बड़े हाइवे से टोल टैक्स बचाने के लिए एटा होकर गुजरते थे। इन वाहनों को सुबह-शाम तीन-तीन घंटे के लिए रोका जा रहा है। वाहन चालकों ने जब यह स्थिति देखी तो उन्होंने इधर से गुजरना ही बंद कर दिया। इस वजह से जाम से काफी हद तक राहत मिल रही है।
शहर में कई महीने से हर दिन सुबह से लेकर शाम तक जाम लग रहा था। जिससे राहत नहीं मिल पा रही थी। जागरण ने इस समस्या को कई बार उठाया था। प्रशासन इसका हल ढूंढ़ने में जुट गया। सबसे ज्यादा कठिनाई दोपहर के वक्त होती थी। स्कूलों का अवकाश होने के बाद बच्चों के वाहन जाम में अटक जाते थे, जिससे स्कूली बच्चे देरी से घर पहुंचते थे। स्थिति यह बन जाती थी कि राहगीरों का पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाता था। रोडवेज बसों से यात्री बस स्टैंड से काफी दूर पहले ही उतरने को विवश हो जाते थे। यह जाम इसलिए लगता था कि टोल टैक्स बचाने के चक्कर में दिल्ली-कानपुर राजमार्ग पर भारी वाहनों की आमद बढ़ गई थी।
पुलिस ने इस समस्या को भांपकर नो एंट्री सिस्टम लागू करने का फैसला किया। टोल टैक्स बचाकर एटा होकर गुजरने वाले वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। ऐसे वाहनों को पिलुआ, मलावन, बागवाला, मिरहची, आगरा रोड आदि क्षेत्रों में रोका जा रहा है। सुबह तीन घंटे के लिए सड़कों के किनारे ही यह वाहन रोक दिए जाते हैं और फिर इन्हें एक-एक, दो-दो करके निकाला जाता है। इस तरह से वाहन भी गुजर जाते हैं और जाम भी नहीं लगता। लेकिन अब यह देखने में आ रहा है कि जब वाहन चालकों ने यह देखा कि उनका समय बर्बाद हो रहा है तो इस मार्ग से निकलना बंद कर दिया। सीओ सिटी वरुण कुमार ने बताया कि यह व्यवस्था लागू रहेगी।