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नवोदय परीक्षा में बना जिले का नया रिकार्ड

ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा के मामले में अभिभावक और बच्चे जागरूक हुए हैं। इसी का प्रमाण शनिवार को जिले के सात केंद्रों पर आयोजित की गई जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा में देखने को मिला। परीक्षा में बच्चों की उपस्थिति के मामले में एटा ने इस बार नया रिकार्ड बनाया है। पहली बार 78.67 फीसद परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। पिछले साल के सापेक्ष 10 फीसद उपस्थिति में इजाफा हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 11:19 PM (IST)
नवोदय परीक्षा में बना जिले का नया रिकार्ड
नवोदय परीक्षा में बना जिले का नया रिकार्ड

एटा, जासं। ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा के मामले में अभिभावक और बच्चे जागरूक हुए हैं। इसी का प्रमाण शनिवार को जिले के सात केंद्रों पर आयोजित की गई जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा में देखने को मिला। परीक्षा में बच्चों की उपस्थिति के मामले में एटा ने इस बार नया रिकार्ड बनाया है। पहली बार 78.67 फीसद परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। पिछले साल के सापेक्ष 10 फीसद उपस्थिति में इजाफा हुआ है।

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जिले के सात परीक्षा केंद्रों पर सुबह निर्धारित समय पर परीक्षा संपन्न हुई। वैसे तो हर साल आयोजित होने वाली परीक्षा में 60 फीसद भी पंजीकृत बच्चों का परीक्षा दिलाना मुश्किल ही दिखता था। धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों में परिषदीय शिक्षकों की मेहनत और उनके द्वारा की जाने वाली जागरूकता का परिणाम इस बार की परीक्षा में सामने आया। कुल पंजीकृत 4740 बच्चों में से 3729 ने परीक्षा दी। 1011 बच्चे अनुपस्थित रहे। मुख्यालय पर जीआइसी व गांधी स्मारक इंटर कालेज के अलावा जलेसर के आदर्श इंटर कालेज, एमजीएचएम इंटर कालेज मारहरा, एफएच इंटर कालेज निधौली कलां, जनता इंटर कालेज कैल्ठा अलीगंज, गांधी सार्वजनिक इंटर कालेज जैथरा केंद्रों पर हुई परीक्षा में पर्यवेक्षक तैनात रहे। वहीं डीआइओएस एनडी वर्मा, बीएसए संजय शुक्ल व खंड शिक्षाधिकारियों की टीमों के अलावा नवोदय विद्यालय के प्राचार्य डा, आरके शर्मा ने भी केंद्रों का निरीक्षण किया। सबसे बेहतर उपस्थिति निधौली ब्लॉक की रही, जहां 391 में 326 बच्चे उपस्थित रहे। जैथरा में 543 में 452, अलीगंज 887 में 657 बच्चे उपस्थित थे। प्राचार्य नवोदय ने बताया कि इस बार उपस्थिति 10 फीसद के साथ नया रिकार्ड है। दूर दिखी बच्चों की झिझक

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कुछ साल पहले तक हाल यह था कि नवोदय परीक्षा में तमाम बच्चे पहली बार ओएमआर सीट पकड़कर परेशान दिखते थे, अब जागरूकता और पूर्व तैयारी का ही परिणाम है कि बच्चे धड़ाधड़ ओएमआर सीट पर उत्तर हल करते दिखे।


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