पुलिस लापरवाही के मामले में नया मोड़
जागरण संवाददाता, एटा: जैथरा क्षेत्र में महिला द्वारा दर्ज कराए गए अपने पति के अपहरण के मामल
जागरण संवाददाता, एटा: जैथरा क्षेत्र में महिला द्वारा दर्ज कराए गए अपने पति के अपहरण के मामले में अब नया मोड़ आ गया। आरोपी पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में दावा किया गया है कि जिस शख्स को महिला अपना पति बता रही है वह देवर है। इस मामले में हाईकोर्ट ने 23 जनवरी को महिला और विवेचक को अदालत में पेश होने को कहा है। इस मामले को लेकर पुलिस के कई अधिकारी लापरवाही के आरोपों के कारण विभिन्न जांचों में फंसे हुए हैं।
वर्ष 2008 में गांव दौलतपुर निवासी मुन्नी देवी ने अपने पति सत्यराम के अपहरण का आरोप लगाते हुए गांव के ही प्रमोद पुत्र गब्बर ¨सह के नामजद एफआइआर दर्ज कराई थी। इस मामले में 2 नवंबर 2008 को पहली फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई, लेकिन मुन्नी देवी ने इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए शिकायत की तो 19 दिसंबर 2012 को पुन: विवेचना के आदेश कर दिए गए, लेकिन 28 अगस्त 2016 को इस मामले में फिर से एफआर लगा दी गई। इस घटनाक्रम को लेकर जैथरा के तत्कालीन थानाध्यक्ष कैलाशचंद्र दुबे पर लापरवाही के आरोप लगे तथा उनके खिलाफ जांचें भी लंबित हैं।
इसके अलावा इस मामले में जिन उपनिरीक्षकों ने विवेचनाएं की, वे भी उनके खिलाफ भी जांचें चल रही हैं। यहां तक कि तत्कालीन पुलिस अधिकारियों तक भी जांच की आंच पहुंच चुकी है, लेकिन अब प्रमोद पक्ष ने कई साक्ष्य हाईकोर्ट को दिए हैं, जिनमें कहा गया है कि महिला ने जिसको अपना पति बताते हुए अपहरण का आरोप लगाया गया है वह उसका देवर है। इस बात को लेकर अदालत ने 23 जनवरी को महिला और तत्कालीन विवेचकों को हाईकोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। वहीं पुलिस ने इससे पहले मामले की जांच सीओ अलीगंज को सौंप दी है।