फार्मासिस्टों के खेल पर कसेगी नकेल
जागरण संवाददाता, एटा: मेडिकल स्टोर्स को लेकर फार्मासिस्टों के खेल पर अब नकेल कसी जाएगी। दुकानों का पूरा विवरण ऑनलाइन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, एटा: मेडिकल स्टोर्स को लेकर फार्मासिस्टों के खेल पर अब नकेल कसी जाएगी। सभी दुकानों का पूरा विवरण ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड किया जाएगा। इसमें दुकान स्वामी और फार्मासिस्टों के आधार कार्ड भी ¨लक किए जाएंगे, जिसके बाद एक फार्मासिस्ट के नाम पर कई दुकानें चलाने जैसी गड़बड़ी रोकी जा सकेगी।
दवाओं के कारोबार में नियम-कानून धूल फांक रहे हैं। नियमानुसार मेडिकल स्टोर के पंजीकरण और संचालन लिए डिग्रीधारक फार्मासिस्ट की आवश्यकता होती है। एक फार्मासिस्ट एक ही दुकान पर काम कर सकता है, लेकिन हो इसका बिल्कुल उल्टा रहा है। एक-एक फार्मासिस्ट के नाम से कई दुकानें संचालित की जा रही हैं। दरअसल, सांठगांठ के जरिए एक फार्मासिस्ट का नाम दो या अधिक जगह दर्ज कर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस जारी कर दिए जाते हैं। जबकि हकीकत यह है कि पंजीकृत फार्मासिस्ट किसी एक दुकान पर भी नहीं बैठते। दवा विक्रय का काम दूसरे लोग करते हैं। पूर्व में भी शासन ने इस अव्यवस्था पर प्रहार के उद्देश्य से फार्मासिस्टों के पंजीकरण के जरिए छटनी करने की कवायद की थी। लेकिन यह कोई खास रंग नहीं ला सकी। तमाम पुराने लाइसेंस मैनुअल ढंग से चल रहे हैं, जिनका पूरा डाटा देखकर दोहरीकरण वाले फार्मासिस्टों को पकड़ने में विभाग नाकाम है। इसका हाल निकालते हुए अब सरकार ने ऑनलाइन औषधि विक्रय लाइसेंस सिस्टम में सभी दवा व्यापारियों के पंजीकरण के निर्देश जारी किए हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसमें दवा व्यवसायियों को खुद ही विभागीय पोर्टल पर जाकर अपने मेडिकल स्टोर का डाटा अपलोड करना होगा। साथ ही दवा व्यवसायी और संबंधित फार्मासिस्ट की आधार कार्ड संख्या भी दर्ज की जाएगी। आधार कार्ड लगते ही फार्मासिस्टों की छटनी खुद ही शुरू हो जाएगी। एक फार्मासिस्ट का आधार नंबर दूसरी दुकान के लिए पड़ते ही पकड़ में आ जाएगा। नए आवेदन भी ऑनलाइन
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पुरानी दुकानों के अलावा अब नए लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर दी गई है। इच्छुक व्यक्ति सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड कर ऑनलाइन आवेदन करता है। जो विभाग के पास पहुंचता है और निर्धारित कार्रवाई कर लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में अब तक 50 लोगों ने आवेदन किए हैं। जिनमें से 22 लोगों के लाइसेंस विभाग ने जारी कर दिए हैं। -----------
शासन के निर्देश पर सभी मेडिकल स्टोर्स को ऑनलाइन औषधि विक्रय लाइसेंस सिस्टम में दर्ज किया जाना है। यह कार्य खुद दवा व्यवसायियों को करना है। इसके लिए उन्हें जानकारी दी जा रही है। अभी इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। लेकिन ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी है। बिना इसके दवा व्यवसाय करना मुश्किल होगा।
- आशुतोष चौबे, औषधि निरीक्षक