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दरवाजा बंद, खिड़की से निकलीं लपटों ने मचाई थी सनसनी

एटा जासं। कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव उज्जैपुर में विवाहिता और उसके दो बच्चों की जलकर हुई मौत एक मिस्ट्री बन गई है। ऊपरी मंजिल पर कमरे की खिड़की से निकलीं लपटें देख पड़ोसी दौड़े थे। पड़ोसियों को पहले मकान का मुख्य गेट तोड़ना पड़ा था और फिर कमरे का दरवाजा तोड़ा था। कमरे में तब तक कांती और उसकी बेटी की मौत हो चुकी थी जबकि बेटे के शरीर में हलचल देख उसे लेकर अस्पताल के लिए दौड़े मगर रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 12:01 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 06:27 AM (IST)
दरवाजा बंद, खिड़की से निकलीं लपटों ने मचाई थी सनसनी
दरवाजा बंद, खिड़की से निकलीं लपटों ने मचाई थी सनसनी

एटा, जासं। कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव उज्जैपुर में विवाहिता और उसके दो बच्चों की जलकर हुई मौत एक मिस्ट्री बन गई है। ऊपरी मंजिल पर कमरे की खिड़की से निकलीं लपटें देख पड़ोसी दौड़े थे। पड़ोसियों को पहले मकान का मुख्य गेट तोड़ना पड़ा था और फिर कमरे का दरवाजा तोड़ा था। कमरे में तब तक कांती और उसकी बेटी की मौत हो चुकी थी जबकि बेटे के शरीर में हलचल देख उसे लेकर अस्पताल के लिए दौड़े, मगर रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।

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उज्जैपुर में बुधवार की रात अवधेश के मकान में उसकी पत्‍‌नी कांती, 4 साल के बेटे लवीश व ढाई साल की बेटी लविशी उर्फ आरती की जलकर मौत हो गई थी। अवधेश का मकान गली के नुक्कड़ पर है। आसपास और मकान बने हुए हैं, लेकिन अवधेश का मकान इनमें सबसे ऊंचा है। गांव के लोग बताते हैं कि ऊपरी मंजिल पर बने कमरे के जंगले से लपटें और धुंआ निकलते देख हम लोग बचाव के लिए दौड़े थे। मगर मुख्य दरवाजा अंदर से बंद था। जैसे-तैसे इसे तोड़कर अंदर पहुंचे। सीढ़ी से ऊपरी मंजिल पर बने कमरे तक पहुंचे। कमरे का दरवाजा भी अंदर से बंद था। कोई रास्ता न देख दरवाजा तोड़ दिया। अंदर का नजारा ह्रदयविदारक था। कमरे में कांती और उसकी बेटी लविशी की मौत हो चुकी थी। उनका शरीर काला पड़ चुका था। लवीश में हलचल देख हम लोग उसे अस्पताल के लिए लेकर दौड़े मगर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया था। ग्रामीणों ने किसी भी तरह की चीखपुकार सुनने से इन्कार किया।

कमरे के हालात इस कदर थे कि मानो मौत के मुकम्मल इंतजाम कर लिए थे। डबल बैड के बॉक्स में रखे रजाई-गद्दे बाहर निकले थे। आग से पूरा बैड और ये रजाई-गद्दे भी खाक हो गए थे। कमरे के हालात कहीं ऐसे नजर नहीं आए जिसमें कांती या बच्चों द्वारा लपटों में घिरने के बाद जिंदगी बचाने के लिए इधर-उधर भागने जैसी स्थिति बनी हो। कमरे के बाहर बाल्टियों में भरा रखा पानी भी फैला दिया गया था। मौत से पहले बच्चों को खिलाए समोसे: कांती ने खुद और अपने बच्चों को आग में जलाने से पूर्व बच्चों को समोसे खिलाए थे। वह कहीं बाहर से समोसे लेकर आई और फिर बाद में उसने अंदर से दरवाजे बंद कर लिए। आरोपित के घर तोड़फोड़

फोटो नं.- 14ईटीएच09, 10

जागरण संवाददाता, एटा: कांती और उसके दो बच्चों की मौत के मामले में कांती के पिता अतिराज ने अपने दामाद अवधेश और उसके चाचा पंकज को नामजद किया है। घटना के बाद मायके पक्ष ने पंकज के घर में तोड़फोड़ भी की।

पंकज के पिता वीरेंद्र ने बताया कि उनके नाती अवधेश के माता-पिता की मौत डेढ़ दशक से पूर्व ही हो गई थी। अवधेश को उन्होंने ही पाला-पोसा है। शादी कराई। उन्होंने स्वीकार किया कि अवधेश की पत्नी कांती को अवैध संबंधों का शक था। घटनास्थल के जो हालात हैं उससे कहीं यह साबित नहीं होता कि जलाकर मारा गया। वीरेंद्र ने बताया कि घटना के वक्त अवधेश घर में था ही नहीं। गांव में कोई शख्स टीवी खरीदकर लाया था, उसका डिश कनेक्शन कराने के लिए वह घर से निकल गया था। हत्थे नहीं चढ़े आरोपित, युवती भी गायब

तीन मौतों के मामले में नामजद अवधेश, उसका चाचा पंकज पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है। पंकज की साली से मृतका के पति का रिश्ता बताया गया है, वह छह माह पूर्व अपने पति से अनबन होने के कारण अपने बहनोई पंकज के यहां चली आई थी, तब से यही रह रही थी। बुधवार रात को घटना के बाद वह भी गायब है। कांती ने युवती से पति के संबंधों वाली बात फोन करके अपने भाई को भी बताई थी। गांव उज्जैपुर में महिला व उसके दो बच्चों की जलकर हुई मौत के मामले की विवेचना में स्थिति साफ हो जाएगी कि महिला ने खुद आग लगाई या जलाकर मारा गया, लेकिन मामला दहेज एक्ट में दर्ज है, इसलिए केस के हर पहलू की गंभीरतापूर्वक जांच की जाएगी।

- संजय कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक, एटा


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