दिसंबर तक शुरू हो पाएगा विद्युत उत्पादन
जवाहर तापीय परियोजना में अप्रैल से शुरू होना था उत्पादन वाटर रिजाल्व यूनिट बनकर तैयार
जागरण संवाददाता, एटा: जवाहर विद्युत तापीय परियोजना में विद्युत उत्पादन अब अप्रैल की जगह दिसंबर तक शुरू हो पाएगा। परियोजना स्थल पर 68 फीसद काम पूरा हो चुका है, जो शेष काम बचा है वह नवंबर-दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। काम में तेजी बनी रहे इसलिए श्रमिकों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
जवाहर विद्युत तापीय परियोजना विकास की ²ष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही एटावासियों का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है। परियोजना स्थल पर वर्ष 2016 से निरंतर निर्माण कार्य चल रहा है। दक्षिण कोरियाई कंपनी दुसान निर्माण करा रही है। कंपनी को अप्रैल 2021 तक काम पूरा करके देना था, लेकिन बीच में कुछ बाधाएं आईं, इस वजह से समय पर पूरा काम नहीं हो सकेगा, हालांकि कोरोना काल में भी श्रमिक काम करते रहे थे। परियोजना स्थल पर वाटर रिजाल्व यूनिट बनकर तैयार हो चुकी है, जो प्रोजेक्ट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। 275 मीटर ऊंची चिमनी भी तैयार:
पावर प्लांट में 275 मीटर ऊंची दो मुंह की चिमनी भी बनकर तैयार हो चुकी है। इसके अलावा अन्य यूनिटें भी बनाई गई हैं। प्लांट के अंदर सड़कों का जाल भी बिछाया गया है। पूरा प्लांट चारदीवारी के अंदर है। आठ हजार श्रमिक कर रहे काम:
पावर प्लांट के काम में तेजी लाने के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ा दी गई है। इस समय आठ हजार श्रमिक काम कर रहे हैं। यह श्रमिक अधिकांशत: बाहर के हैं, जबकि कुछ एटा के भी लगाए गए हैं। रेलवे ट्रैक के काम में भी तेजी:
पावर प्लांट के लिए रेलवे ट्रैक भी बिछाया जा रहा है, ताकि कोयला की आपूर्ति हो सके। झारखंड के जनपद दुमका के सहरपुर और जमारपानी कोल ब्लाक से 5.38 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति प्रतिवर्ष की जाएगी। पूरा प्रोजेक्ट 8078.56 करोड़ का है। इस लागत से 660 गुणा 2 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। कर्मचारियों के लिए बहुमंजिला इमारतें: कर्मचारियों के रहने के लिए प्लांट के अंदर ही व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं, इनमें इंजीनियर और अन्य कर्मचारी रह सकेंगे। हालांकि कर्मचारियों के लिए टाउनशिप बनाने की भी योजना है। जवाहर तापीय परियोजना का तेजी से काम चल रहा है, हालांकि नवंबर-दिसंबर तक विद्युत उत्पादन शुरू हो सकेगा। परियोजना स्थल पर पिछले माह तक 68 फीसद काम पूरा हो चुका था।
- राजेंद्र सिंह, मुख्य अधीक्षण अभियंता, जवाहर तापीय परियोजना, एटा