Move to Jagran APP

अगर नहीं भागती पुलिस तो कुछ भी हो सकता था

अवागढ़ क्षेत्र में सड़क हादसे के बाद हुआ बवाल कोई यूं ही नहीं था बल्कि पुलिस की गलती पर गलती के कारण इतना बड़ा बवाल खड़ा हो गया। पुलिस ने जाम लगा रहे लोगों के साथ मारपीट करके कई के मोबाइल फोन भी छीन लिए थे जिसकी वजह से ग्रामीण और ज्यादा उत्तेजित हो गए। अगर समय से पुलिस ने ग्रामीणों का ताप भांप लिया होता तो उसे एक फार्म हाउस में छिपकर अपनी जान नहीं बचानी पड़ती। ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि वे एक-एक पुलिस कर्मी को ढूंढ रहे थे कि वह कहां छिपे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 10:28 PM (IST)
अगर नहीं भागती पुलिस तो कुछ भी हो सकता था
अगर नहीं भागती पुलिस तो कुछ भी हो सकता था

एटा: अवागढ़ क्षेत्र में सड़क हादसे के बाद हुआ बवाल कोई यूं ही नहीं था, बल्कि पुलिस की गलती पर गलती के कारण इतना बड़ा बवाल खड़ा हो गया। पुलिस ने जाम लगा रहे लोगों के साथ मारपीट करके कई के मोबाइल फोन भी छीन लिए थे, जिसकी वजह से ग्रामीण और ज्यादा उत्तेजित हो गए। अगर समय से पुलिस ने ग्रामीणों का ताप भांप लिया होता तो उसे एक फार्म हाउस में छिपकर अपनी जान नहीं बचानी पड़ती। ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि वे एक-एक पुलिस कर्मी को ढूंढ रहे थे कि वह कहां छिपे हैं।

loksabha election banner

अवागढ़-टूंडला रोड पर गांव सहनऊआ निवासी बलवीर की रोडवेज बस द्वारा रौंदे जाने के बाद कुछ ग्रामीण सड़क पर पहुंच गए थे और उन्होंने जाम लगा दिया था। उस समय इंस्पेक्टर सुभाष सिंह और सीओ रामनिवास सिंह भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन ग्रामीणों को ज्यादा समझाने की कोशिश नहीं की बल्कि आचार संहिता का हवाला देकर उन्हें जबरन सड़क से उठाने की कोशिश की। ग्रामीण जब नहीं माने तो कई के मोबाइल फोन तक छीन लिए, कुछ के फेंक दिए। इतने में यह खबर आ गई कि घायल बलवीर की एत्मादपुर पर मौत हो चुकी है तो ग्रामीणों का गुस्सा और ज्यादा भड़क गया और उन्होंने सीओ समेत पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट तक कर डाली। इसके बाद स्थिति यह बन गई कि पुलिस कर्मियों को जान के लाले पड़ गए। ऐसे में कुछ लोग पुलिस की मदद के लिए आगे आ गए और सीओ समेत पुलिस कर्मियों को अमन फार्म हाउस के कमरे में ले जाकर बंद कर दिया, लेकिन फिर भी गुस्साए ग्रामीण पुलिस कर्मियों को ढूंढ़ रहे थे कि वे कहां छिपे हैं। ऐसे में अगर भीड़ के हाथों कोई भी पुलिस कर्मी लग जाता तो और बड़ी घटना हो सकती थी। बाद में एसएसपी स्वप्निल ममगाई के निर्देश पर एएसपी संजय कुमार को मौके पर भेजा गया, तब कहीं जाकर हालात काबू में हो पाए। तब तक ग्रामीण काफी बवाल मचा चुके थे और सीओ की गाड़ी तक फूंक चुके थे। पुलिस अब उपद्रवियों की तलाश में दनादन दबिशें दे रही है। देर शाम तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग पुलिस की हिरासत में थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.